अजमेर। रामस्नेही संप्रदाय मेड़ता देवल के पीठाधिश्वर 108 श्री रामकिशोर जी महाराज ने चातुर्मास स्थल नला बाजार स्थित रामद्वारा में श्रद्धालुओं को कथा प्रवचन के जरिए संत दर्शन और महिमा का श्रवण कराया।
उन्होंने कहा कि जब नारद भगवान विष्णु से संत दर्शन और महिमा के बारे में पूछा तो भगवान विष्णु ने नारद जी को कौवा, हंस और ब्राह्मण के बालक के पास भेजा तब इस दौरान कौवा और हंस मोक्ष को प्राप्त हुए और ब्राह्मण के बालक को नारद जी ने मंत्र दिया तब भगवान विष्णु ने नारद जी को संत की महिमा का महत्व बताया।
संतोंं के दर्शन करने मात्र से कई तरह के पाप और संताप मिट जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष का मार्ग मिलता है। संसार में संसार में 84 लाख योनिया है इनमें से मनुष्य को ही भजन कीर्तन और ईश्वर के आराधना का अधिकार है। वह ईश्वर की आराधना और गुरु के माध्यम से मिले गुरु मंत्र से उसकी उन्नति का मार्ग खुलता है।
वह इस संसार में आनंद में जीवन प्राप्त कर मोक्ष को जाता है। भगवान के प्रति समर्पण का भाव हो तो वह कभी भी दुखी और परेशान नहीं होता है क्योंकि उसने अपना सब कुछ श्री कृष्ण भगवान के चरणों में रख दिया है। तन भी तेरा मन भी मेरा और यह पिंड और शेष शरीर सब तेरे हैं ऐसा मानने वाला जीव हमेशा सुखी रहता है।
महाराज ने मार्कंडेय ऋषि का उदाहरण देते हुए बताया कि कि उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप का दर्शन किया क्योंकि वह भगवान से यह पूछना चाहते थे आप कहां हैं तब भगवान ने वोट के वृक्ष पर बाल स्वरूप में मार्कंडेय ऋषि को दर्शन दिएl
कथा के दौरान महंत ध्यानीराम महाराज और संत उत्तमराम शास्त्री ने भजनों की प्रस्तुति दी। आज के मुख्य यजमान नाथूलाल शर्मा योगेश शर्मा ने श्रीमद् भागवत जी की पूजा अर्चना की और आरती कीl कथा के पश्चात आरती की गई और श्रदालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।