जयपुर। राजस्थान में बुधवार को शुरु हुए सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में नवनिर्वाचित कई विधायक अपने अलग अलग अंदाज में विधानसभा पहुंचे।
राजधानी जयपुर के हवामहल विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक बालमुकंदचार्य अपने साथ गदा लेकर विधानसभा पहुंचे तो बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से मंत्री बीडी कल्ला को हराकर विधायक निर्वाचित होने वाले जेठानंद व्यास मोटरसाइिकल पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे जबकि भरतपुर के बयाना से निर्दलीय विधायक बनी डा रितु बनावत ट्रेक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंची। इसी तरह अन्य कुछ विधायक अपने अलग अंदाज में विधानसभा पहुंचकर विधानसभा के सामने मीडिया एवं अन्य लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
पहली बार विधायक बने बालमुकुंदाचार्य ने मीडिया से कहा कि राजस्थान में राम राज्य की स्थापना हुई है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जमीन से जुड़े हुए नेता हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ पूरी भाजपा 36 कौम को लेकर राजस्थान का विकास करेगी।
मोटरसाइकिल से विधानसभा पहुंचे व्यास ने मीडिया से कहा कि मोटरसाइकिल से विधानसभा पहुंचकर वह अपनी सादगी का परिचय देना चाहते है और वह इसी सादगी के साथ अपने क्षेत्र में इसी मोटरसाइकिल के सहारे विकास के काम करेंगे और लोगों की समस्या का समाधान का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार भी मोटरसाइकिल से ही किया था और अब विधानसभा से वापस अपने क्षेत्र में जाने पर मोटरसाइकिल ही उनका सहारा बनेगी।
पहली बार विधायक बनी डा बनावत ने कहा कि वह जनता की समस्या के साथ किसानों से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाकर उन्हें राहत पहुंचाने का प्रयास करेगी। इसी तरह भारतीय आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत सहित उनकी पार्टी के तीनों विधायक अपनी पारंपरिक वेशभूषा में विधानसभा पहुंचे तो कांग्रेस विधायक इंद्रा मीणा भी अपनी पारंपरिक पोशाक में सदन में पहुंची। इसी प्रकार अन्य कई नवनिर्वाचित विधायक अपने अपने अंदाज में पगड़ियां पहनकर विधानसभा पहुंचे।
16वीं विधानसभा के 190 नवनिर्वाचित विधायकों ने ली शपथ
सोलहवीं विधानसभा का प्रथम सत्र बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ और इसके पहले दिन मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सहित 190 नवनिर्वाचित विधायकों ने विधानसभा सदस्य की शपथ ली।
प्रथम सत्र दो दिन चलेगा जिसमें पहले दिन अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष कालीचरण सराफ ने नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा सदस्य की शपथ दिलाना शुरू किया और सबसे पहले मुख्यमंत्री शर्मा ने विधानसभा सदस्य की शपथ ली। शर्मा ने हिन्दी में शपथ ली। इसके बाद उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं प्रेम चंद बैरवा ने विधानसभा सदस्य की शपथ ली।
इसके बाद नवनिर्वाचित अन्य सदस्यों के शपथ लेने का सिलसिला शुरू हुआ और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, शांति कुमार धारीवाल सहित कांग्रेस विधायकों एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा के अन्य विधायकों तथा भारतीय आदिवासी पार्टी के तीन विधायकों एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल एवं निर्दलीय यूनुस खान सहित अन्य निर्दलीयों ने विधानसभा सदस्य की शपथ ली। सत्र के पहले दिन 190 विधायकों ने विधानसभा सदस्य की शपथ ली।
इस दौरान कोलायत विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने शपथ राजस्थानी भाषा में लेना शुरू कर दिया। इस पर अस्थाई अध्यक्ष ने टोका और कहा कि राजस्थानी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है इसलिए राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं दिलाई जा सकती। इसके बाद भाटी ने हिन्दी में शपथ ली। इसी तरह अन्य कुछ नवनिर्वाचित विधायकों ने भी राजस्थानी भाषा में शपथ लेने इच्छा जाहिर की लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली।
इस दौरान भाजपा के जोगेश्वर गर्ग, हरि सिंह रावत, जुबेर खान, यूनुस खान सहित कई नवनिर्वाचित विधायकों ने संस्कृत में शपथ ली। कई नवनिर्वाचित विधायक अपनी परम्परागत वेशभूषा में सदन में पहुंचे और ज्यादातर विधायक पगड़ी पहनकर आए। बीएपी के तीनों विधायक अपने क्षेत्र की परम्परागत वेशभूषा में सदन में आए।
गहलोत सहित सभी कांग्रेस विधायक संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन पर विरोध जताने के लिए काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे। सत्र के पहले दिन शपथ लेने से शेष रहे नवनिर्वाचित विधायकों को गुरुवार को विधानसभा सदस्य की शपथ दिलाई जायेगी और इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन होगा। विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने नामांकन किया हैं।
अंशुमान सिंह भाटी को हिंदी में लेनी पड़ी शपथ
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को कोलायत से पहली बार बार निर्वाचित हुए भाजपा के विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने विधानसभा में राजस्थानी में शपथ लेने का आग्रह किया। उन्होंने राजस्थानी भाषा में शपथ भी ले ली लेकिन प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने आपत्ति उठाई और कहा कि विधानसभा में राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ली जा सकती है।
उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त नहीं है ऐसे में राजस्थान विधानसभा में हिंदी या अंग्रेजी में ही शपथ ली जा सकती है। भाजपा के योगेश्वर गर्ग ने आसान से आग्रह किया कि अंशुमान सिंह भाटी को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की विशेष अनुमति दी जाए। लेकिन प्रोटेम स्पीकर सराफ ने स्पष्ट रूप से अंशुमान सिंह भाटी को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की बात स्वीकार नहीं की और कहा कि शपथ हिंदी या अंग्रेजी में ही लेनी पड़ेगी। इसके बाद अंशुमान सिंह भाटी ने हिंदी में विधायक की शपथ ली।