पुष्कर। जोगणिया धाम पुष्कर के श्रद्धालुओं तथा प्रभाती देवी चेरेटिबल ट्रस्ट के संरक्षक के सहयोग से तीर्थनगरी में चल रहे रामदेवरा जातरुओं के भंडारे का भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की दशमी को समापन हुआ।
इससे पहले रामदेव बाबा की महाआरती हुई तथा दाल बाटी चूरमे का भोग लगाया गया। रामदेवरा जातरूओं के निशुल्क भंडारे का आरंभ कृष्ण जन्माष्टमी 7 सितम्बर से किया गया। 25 सितम्बर को भंडारे का समापन भजन कीर्तन भोग के साथ किया। भंडारे में साधु संतों, रामदेवरा जातरूओं तथा स्थानीय श्रद्धालुओं को भंडारे में भोजन प्रसादी की सुविधा प्रदान की गई।
शास्त्रीय संगीत गायक घनश्याम राव ने बाबा रामदेव के भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी। भंडारे के संचालक एडवोकेट प्रशान्त वर्मा ने आगंतुक मेहमानों का साफा पहनाकर स्वागत किया।
जोगणियाधाम पुष्कर के श्रद्धालुओं मे राजेश गर्ग, अनुपम सारडा, डाक्टर दीपक जैन, डाक्टर दीपाली जैन, इन्द्रा कैलाश नुवाल, अमर चांदनानी, वेद मीणा, अभिमन्यु सिंह, गजेन्द्र गर्ग दीपा गर्ग, श्याम लाल चौहान, रामदेव रीटा, एडवोकेट प्रशान्त वर्मा के सामग्री सहयोग से भंडारा पूरे 18 दिन चला।
भंडारे की नियमित सेवा कार्य में एएसआई रामेश्वर लाल, रिटायर्ड अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामदेव, प्रशान्त वर्मा, एडवोकेट पुष्पेन्दर भाटी, महावीर शर्मा, प्रेम बिहारी मंत्री ने टीम के साथ प्रतिदिन जातरूओं के लिए भोजन प्रदादी की व्यवस्थाओं का सफल संचालन किया।
जोगणिया धाम पुष्कर संस्थापक जयोतिषाचार्य भंवरलाल तानान मेघवंशी की देखरेख में सभी सेवा कार्य सफल ढंग से हुए जिसकी सराहना रामदेवरा जातरूओं के साथ साथ स्थानीय लोगों ने भी की।
सातू बहना बायां सा व रामदेव बाबा की रेवाडी निकाली
जलझुलनी एकादशी पर्व पर जोगणिया धाम पुष्कर में स्थापित सातू बहना बांया सा महाराज तथा बाबा रामदेव पीर की रेवाडी जोगणिया धाम से शाम 3 बजे निकाली। प्रभाती देवी मेघवंशी की यादगार में सातू बहना बांया सा महाराज की रेवाडी बीते 14 वर्षों से निकाली जा रही है।
बैंड की धुन और नाचते हुए श्रद्धालुओं ने रेवाडी में भाग लिया। देशी और विदेशी पर्यटक भी जमकर झूमे। तीर्थ पुष्कर के मुख्य मार्गो से होती हुई रेवाडी जयपुर घाट पहुंची, जहां जयपुर घाट पर चन्दशेखर गौड ने माता व रामदेव पीर की महाआरती की। पुष्कर सरोवर के जयपुर घाट पर पवित्र जल से अभिषेक और आरती के बाद वापस जोगणिया धाम पुष्कर लौटी। जहां बडी संख्या में श्रद्धालुओ ने माता जी की आरती के दर्शन प्राप्त कर प्रसाद लिया।