अजमेर। राजस्थान के अजमेर में संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा बहुसंख्यक मकानों को उपकर (सैस) राशि दो प्रतिशत मासिक ब्याज सहित वसूलने के नोटिस जारी करने के बाद शहर में धड़ल्ले से बन चुके नवनिर्मित मकान मालिकों के होश उड़ गए है।
सूत्रों के अनुसार अजमेर संयुक्त श्रम आयुक्त एवं उपकर निर्धारण अधिकारी जो कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण संयुक्त उपकर अधिनियम 1996 की पालना कराने के सक्षम अधिकारी है, ने अधिनियम के तहत शहर के बहुसंख्यक मकानों को उपकर (सैस) राशि जमा कराने का नोटिस जारी किया है।
नोटिस में हिदायत दी गई है कि मकान मालिक द्वारा अपना निर्माण कार्य संपादित करवाए जाने के कारण भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 तथा राजस्थान भवन एवं संनिर्माण अधिनियम 2009 के प्रावधानों को मकान मालिक पर लागू होना बताया है जिसके तहत निर्माण कार्य प्रारंभ करने से तीस दिवस में श्रम निरीक्षक को सूचना तथा कार्य प्रारंभ होने की स्थिति से साठ दिवस में पंजीयन कराया जाना नियमानुसार अनिवार्य करार दिया है।
इसी क्रम में केंद्रीय नियम 1998 के नियम तीन के तहत निजी आवास हेतु दस लाख तक के निर्माण कार्य को छोड़कर अन्य सभी निर्माण कार्यों पर एक प्रतिशत उपकर (सैस) भुगतान किए जाने का प्रावधान है। लेकिन शहर के अधिकांश मकान मालिकों ने इसकी पालना नहीं की है।
ऐसे में संयुक्त श्रम आयुक्त अनुपम गौड़ ने दस लाख रुपए से ऊपर के निर्माण कार्य वाले भवन मालिकों को नोटिस जारी कर कार्यालय में मकान संबंधी रजिस्ट्री, निर्माण कार्य लेआउट, कार्य प्रारंभ करने व पूर्ण होने की तिथि व अन्य संबंधित दस्तावेजों के साथ कार्यालय में तलब किया है।
नोटिस में चेतावनी दी गई है कि नियमानुसार पंजीयन नहीं कराने तथा सूचना उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में नियमानुसार उपकर निर्धारण वसूली एवं दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।