कोलकाता। भारत और बांग्लादेश ईडन गार्डन मैदान पर शुक्रवार को अपना पहला डे-नाइट टेस्ट खेलने उतरेंगे जहां दोनों ही टीमों का मकसद मुकाबले में जीत दर्ज करने से कहीं बढ़कर गुलाबी गेंद से नया इतिहास दर्ज करना होगा।
भारत और बांग्लादेश के बीच शुक्रवार से ईडन गार्डन मैदान पर दो मैचों की सीरीज़ का दूसरा मैच शुरू होगा जिसे दोनों टीमें पहली बार डे-नाइट प्रारूप में खेलेंगी। विराट कोहली की कप्तानी वाली मेज़बान टीम पहले ही 1-0 से सीरीज़ में आगे है और अब उसकी निगाहें क्लीन स्वीप पर लगी हैं जो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में उसकी स्थिति और मजबूत कर देगी।
दोनों ही टीमों के लिये हालांकि यह मुकाबला जीत से कहीं बढ़कर अहम हो गया है जो उनके लिये क्रिकेट इतिहास का पहला गुलाबी गेंद मुकाबला है जबकि कई अन्य टीमें पहले ही इस प्रारूप में खेल चुकी हैं। यह मुकाबला इसलिये भी अहम है क्योंकि इसके लिये ज़ोरों शारों से तैयारियां की गयी हैं, पूरे शहर भर में ही गुलाबी गेंद से होने वाले इस मुकाबले के लिये पहले से कई कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं तो मैच के लिये बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से लेकर भारत के गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व दिग्गज क्रिकेटर तक इस मैच में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचेंगे।
ईडन गार्डन मैदान की दीवारें खिलाड़ियों की कलाकृतियों से रंग गयी हैं तो मैदान पर सेना के पैराट्रूपर्स खास अंदाज़ में हवा से मैदान पर पहुंच दोनों टीमों के कप्तानों को उनकी पहली गुलाबी गेंद भेंट करेंगे। स्टेडियम में 60 हजार से अधिक दर्शकों के इस मुकाबले को देखने आने की उम्मीद है।
देशभर में गुलाबी गेंद के ऐतिहासिक मुकाबले को लेकर जोर-शोर के बीच दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर भी प्रभावशाली प्रदर्शन का कुछ दबाव रह सकता है। हालांकि भारतीय टीम ने इंदौर के होल्कर मैदान पर तीन दिन में ही पारी और 130 रन की जीत के साथ अपना दबदबा दिखाया था। विशेषज्ञों के अनुसार गुलाबी गेंद अधिक स्विंग करती है जिससे कोलकाता में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों खासकर मोहम्मद शमी, उमेश यादव और इशांत शर्मा की तेज़ गेंदबाज़ तिकड़ी इस बार भी हावी रह सकती है।
पहले मैच में सात विकेट निकालने वाले शमी का ईडन गार्डन घरेलू मैदान भी है जहां वर्ष 2016 में मोहन बगान और भवानीपुर के बीच चार दिवसीय घरेलू मैच को गुलाबी गेंद से पहली बार खेला गया था। बंगाल क्रिकेट संघ(कैब) द्वारा आयोजित इस मैच में शमी ने बगान के लिये खेलते हुये सात विकेट लिये थे और इस बार भी उनके विपक्षी टीम पर इसी आक्रमण की उम्मीद है।
तेज़ गेंदबाज़ों के अलावा भारत के पास ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पिछले मैच की दो पारियों पांच विकेट निकाले थे जबकि लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा अन्य स्पिन विकल्प हैं। खुद विराट ने मैच के बाद कहा था कि किसी भी कप्तान के लिये यह सपने सरीखा गेंदबाज़ी संयोजन है, ऐसे में दूसरे मुकाबले में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है।
बांग्लादेशी टीम होल्कर के मैच को भारत के हरफनमौला खेल के लिये हमेशा याद रखेगा जहां वह दो पारियों में 150 और 213 रन पर सिमट गया था जबकि बल्लेबाज़ी में भारतीय ओपनर मयंक अग्रवाल ने अकेले ही 242 रन बना डाले। अजिंक्या रहाणे के 86 और चेतेश्वर पुजारा के 54 रन की बदौलत भारत ने इस मैच में छह विकेट पर 493 रन का विशाल स्कोर बनाकर अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी। साफ है कि भारत रनों के लिये विराट या रोहित शर्मा पर ही निर्भर नहीं है और टीम का पूरा क्रम रन स्कोरर है।