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Six lakh children RTE under education raha he: Devanani
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छह लाख बच्चे आरटीई के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं-देवनानी

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छह लाख बच्चे आरटीई के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं-देवनानी
Minister of Education Vasudev Devanani
Minister of Education Vasudev Devanani
Minister of Education Vasudev Devanani

SABGURU NEWS | जयपुर राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश देश का पहला ऎसा राज्य है जहां साढ़े छह लाख से ज्यादा बच्चे आरटीई के तहत शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

श्री देवनानी आज विधानसभा में प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 36 हजार से ज्यादा निजी स्कूलें संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार स्कूल की 25 प्रतिशत सीटों पर निर्धनतम बच्चों को प्रवेश देना होगा। उन्होंने बताया कि सभी निजी स्कूलों में फीस निर्धारण समिति के तहत फीस निर्धारित की जाती है। समिति में स्कूली प्रबंधन सहित 10 लोग मिलकर फीस तय करते हैं।

यदि कोई अभिभावक वहां से सुतंष्ट नहीं होता तो संभागीय आयुक्त द्वारा गठित समिति में अपनी शिकायत कर सकता है। वहां भी राहत नहीं मिलने पर अभिभावक की व्यक्तिगत शिकायत पर कार्यवाही की जाती है।
उन्होंने बताया कि आरटीई के तहत प्रदेश की सभी स्कूलों के पुनर्भरण में राजस्थान नंबर एक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 2016-17 में आरटीई के तहत 264 करोड़ 29 लाख रुपए पुनर्भरण के लिए स्कूलों को दिए।

सरकार ने सभी निजी स्कूलों के लिए आदेश निकालकर पांबद किया हुआ है कि तय पाठ्यक्रमों के अनुसार ही पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी। नियमों के अनुसार स्कूल खुलने के एक महीने में पुस्तकों का नाम, लेखक और दर सार्वजनिक करे और कम से कम तीन दुकानों पर पुस्तकें उपलब्ध हो। यही नहीं स्कूलों को 5 वर्ष से पहले ड्रेस नहीं बदलने के भी निर्देश दिए हुए हैं।

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उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों में 24 हजार 660 स्कूलों में फीस निर्धारण, 24 हजार 612 स्कूलों की फीस तय हो चुकी है। प्रदेश की जो भी निजी स्कूल आरटीई के तहत सरकारी निर्देशों का पालन करेगी, उन्हें फीस पुनर्भरण का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि 2016-17 के अनुसार 25 हजार 622 स्कूलों में से 24 हजार 387 स्कूलों का पुनर्भरण हो गया जबकि 1300 स्कूलों का पुनर्भरण बाकी है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों की जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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इससे पहले विधायक हनुमान बेनीवाल के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए श्री देवनानी ने कहा कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 एवं नियम, 2011 के नियम 11 के अनुसार आरटीई के तहत निजी स्कूलों को फीस की राशि देने के लिए मानदण्ड तय कर रखे हैं। उन्होंने इसका विवरण सदन की मेज पर रखा।

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