नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को संसद को सूचित किया गया कि वर्ष 2015 में देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा गर्भपात हुए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि लेंसेट ग्लोबल हेल्थ मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2015 में तकरीबन 1.56 करोड़ गर्भपात हुए। यह अध्ययन छह राज्यों से प्राप्त नमूनों के आधार किया गया है और इसमें पूरे देश को शामिल नहीं किया गया है।
चौबे ने यह भी बताया कि सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं में महिलाओं को सुरक्षित व व्यापक गर्भपात देखभाल सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि गोपनीयता, बदनाम, नाम छिपाने की आवश्यकता, पूर्वाग्रह और खुद दवाई लेना जैसे विविध कारणों से असुरक्षित गर्भपात होता है। विविधि तरीकों से गर्भपात के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की ओर से गर्भपात संबंधी जानकारी के लिए सेवाओं के प्रावधान संबंधी सहायता राज्यों को मुहैया करवाई जा रही है।
देश के सभी राज्यों को इन सेवाओं को अमल में लाने के लिए गर्भपात देखभाल की जानकारी और गर्भपात की चिकित्सकीय विधि को लेकर दिशानिर्देश दिए गए हैं।