अजमेर। राजस्थान में अजमेर दरगाह शरीफ पर खादिमों की संस्था अंजुमन की ओर से आज सुबह झालरे में ताजिये को सैराब करने के साथ ही मुस्लिम समाज में दस दिवसीय मोहर्रम पारम्परिक तरीकें से शान्ति पूर्ण विधिवत सम्पन्न हो गए। हालांकि मुस्लिम बिरादरी में 40 दिन गम के मनाते हुए निकाह सहित खुशी के कार्यक्रम नहीं होंगे।
अंजुमन की ओर ताजिये की सवारी रात दस बजे बाद बयान-ए-शाहदत के साथ इमामबाड़े से शुरू हुई जो दरगाह क्षेत्र के विभिन्न बाजारों से होती हुई आज सुबह झालरा पहुंची । जहां पूरे धार्मिक रस्मों रिवाज से ताजिये को सैराब किया गया। मुस्लिम समाज पूरी रात ताजिये के साथ रहा और ढोल, ताशों के साथ मर्सिया पढ़ता रह। अनेकों ने मन्नत भी मांगी। हरे लिबास में मुस्लिम समुदाय की आस्था देखने लायक थी। हजरत इमाम साहब की शाहदत को याद करते हुए अनेकों की आंखों में आंसू भी दिखाई दिये। चेहरे पर गमी साफ झलकती दिखाई दी।
मोहर्रम के मौके पर अजमेर प्रशासन एवं पुलिस ने सुरक्षा के खास बंदोबस्त किए। यही कारण रहा कि हाईदौस सहित पूरे मोहर्रम के 10 दिन कोई अप्रिय घटना देखने को नहीं मिली। अजमेर जिले के विभिन्न मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से भी मोहर्रम पर ताजिये निकाले जाने तथा उन्हें सैराब किए जाने के समाचार है। अजमेर शहर के निकटवर्ती खानपुरा, ऊंटडा, गगवाना, तारागढ़ में भी मोहर्रम की दस तारीख को धार्मिक रीति रिवाज से ताजिये निकाले गए।