नई दिल्ली। केंद्र सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण आज से लागू हो गया।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को संविधान के 103वें संशोधन के जरिये 10 प्रतिशत तक आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के 12 जनवरी को इस पर हस्ताक्षर करने के साथ ही यह कानून बन गया था। केंद्र सरकार ने उसकी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में इसे लागू करने के लिए सोमवार को एक अधिसूचना जारी की जो आज से ही प्रभावी भी हो गई।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अधिसूचना में लिखा है कि संविधान के 103वें संशोधन कानून, 2019 की धारा-एक की उपधारा (दो) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत केंद्र सरकार इस कानून के प्रभावी होने के लिए 14 जनवरी 2019 का दिन निर्धारित करती है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत सात जनवरी को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण संबंधी विधेयक को मंजूरी दी थी। यह विधेयक अगले दिन आठ जनवरी को ही लोकसभा में पेश कर पारित कराया गया और राज्यसभा ने इसे नौ जनवरी को पारित कर दिया। राष्ट्रपति की मुहर के साथ ही 12 जनवरी को यह कानून बन गया था।
गुजरात सरकार ने भी अपने यहाँ नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत तक आरक्षण 14 जनवरी से लागू कर दिया है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद उसकी नौकरियों तथा उच्च शिक्षण संस्थानों में भी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण लागू हो गया है।
उच्च शिक्षण संस्थानों के मामले में निजी संस्थानों में भी यह आरक्षण मान्य होगा, चाहे वे सरकारी सहायता प्राप्त हों या नहीं। सिर्फ अल्पसंख्यक उच्च शिक्षण संस्थानों में ही सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण लागू नहीं होगा।