नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि वैक्सीन की कमी के कारण दिल्ली में आज 17 स्कूलों में 100 केन्द्रों को बंद करना पड़ा है, इनमें कोवैक्सीन लगाई जाती थी।
सिसोदिया ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वैक्सीन की कमी से दिल्ली में 17 स्कूलों में 100 केन्द्रों को बंद करना पड़ा, जहां कोवैक्सीन लगाई जाती थी। उन्होंने कहा कि यदि वैक्सीन की कमी की ऐसी ही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में हमारे युवा लगातार मरते रहेंगे।
उन्होंने वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार से ग्लोबल टेंडर निकालने की मांग की और यह भी कहा कि केंद्र सरकार देश में अन्य फार्मा कंपनियों को वैक्सीन का फार्मूला सौंप कर देश में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने का काम करे।
उप मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कोवैक्सीन से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए बताया कि कोवैक्सीन ने दिल्ली सरकार को वैक्सीन उपलब्ध करने से मना कर दिया है। कोवैक्सीन से मिले पत्र के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों की इज़ाज़त के बिना दिल्ली सरकार को वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती है।
इस पत्र ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार ये तय करती है कि किस राज्य को कितनी मात्रा में वैक्सीन दी जाए। यदि केंद्र सरकार ये तय करती है तो उसकी जिम्मेदारी है कि सभी राज्यों में वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति भी कराये।
सिसोदिया ने केंद्र सरकार से अपील की है कि केंद्र सरकार इस संकट की गंभीरता को समझे और राष्ट्र के सरकार की भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत के उन सभी फार्मा कंपनियों को वैक्सीन का फार्मूला उपलब्ध करवाए जो वैक्सीन का उत्पादन करने में सक्षम हों, इससे उत्पादन बढ़ेगा और देश में वैक्सीन की कमी नहीं होगी।
उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि जल्द से जल्द ग्लोबल टेंडर द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजार से राज्यों के लिए वैक्सीन खरीदे न कि राज्यों को ग्लोबल टेंडर निकालने को कहे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी तो राज्य ये भी करेंगे पर आज हमें वैश्विक बाजार के सामने एक राष्ट्र के रूप में जाने की ज़रूरत है न कि बिखरे हुए राज्यों के रूप में। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन उपलब्ध करवाना केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है और केंद्र सरकार राज्यों की ये जिम्मेदारी तय करे कि वैक्सीन की उपलब्धता के बाद सभी राज्य तीन महीने के भीतर सभी नागरिकों का टीकाकरण करें।