नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा़ हर्षवर्धन ने कहा है कि पिछले तीन दिनों में देश में कोरोना के मामले दोगुने होने की दर बढ़कर 11.3 दिन हो गई है जो कोरोना को नियंत्रित करने के केन्द्र सरकार के प्रयासों को दर्शाता है और कोरोना से मरने वालों का वैश्विक औसत सात प्रतिशत है वहीं यह भारत में मात्र तीन प्रतिशत है तथा इसमें 86 प्रतिशत मामले अन्य बीमारियों से जुड़ें हैं।
गौरतलब है कि लॉक डाउन से पहले देश में कोरोना के दोगुना होने की दर 3. 2 दिन थी।
डा़ हर्षवर्धन ने बुधवार को देश के लायंस क्लब इंटरनेशनल के वालंटियर्स और पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिेंग में कहा कि देश में कोरोना से जितनी मौतें हुई हैं उनमें मरीजों को अन्य बीमारियां थी जिन्हें चिकित्सा भाषा में ‘कोमोर्बिडिटी’ कहा जाता है। इस समय देश में 0.33 प्रतिशत मरीज वेंटीलेटर्स पर हैं और 1.5 प्रतिशत ऑक्सीजन सपोर्ट तथा 2.34 प्रतिशत मरीज आईसीयू में है जो देश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का परिचायक है। अगर किसी तरह की कोई भी और स्थिति उत्तपन्न होती है तो हमारे यहां आइसोलेशन बेड्स, वेंटीलेटर्स, पीपीई और मॉस्कों की पूर्ण उपलब्धता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में इस समय 288 सरकारी और 97 निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाएं कोरोना की जांच में लगी हुई हैं और रोजाना साठ हजार परीक्षण किए जा रहे हैं। अगले कुछ दिनों में सरकार इसे बढ़ाकर एक लाख टेस्ट प्रतिदिन करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश और विदेशों में कोरोना की वैक्सीन बनने का काम जारी है और इसमें थोड़ा समय लगेगा लेकिन फिलहाल कोरोना से बचने का एक मात्र तरीका लॉक डाउन और सामजिक दूरी है और ये दोनों की ‘सामाजिक वैक्सीन’ हैं। इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय कईं नवाचार परियोजनाओं पर काम कर रहा है जिनसे जांच प्रकिया में और तेजी लाई जा सकेगी।
इस समय देश में कोरोना मरीजों की संख्या 31332 हैं और मरने वालों की संख्या 1007 हो गई हैं। इसके अलावा कोरोना से ठीक हाेने वाले मरीजोंं की संख्या 7696 हो गई हैं तथा इनका रिकवरी रेट 23 प्रतिशत से अधिक हो गया है।