नयी दिल्ली । सरकार ने राज्यसभा को आज सूचित किया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में इस वर्ष 118 सीटें रिक्त हैं।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरूवार को प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2017 में 51040 छात्रों का जेईई (एडवांस्ड) में चयन हुआ था लेकिन इस वर्ष 18138 छात्रों का ही चयन हो सका जिससे अनुसूचति जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटें खाली रहने की आशंका जतायी जा रही थी क्योंकि कटऑफ अधिक ऊंची रखी गयी थी।
इसके मद्देनजर उन्होंने कटऑफ को तर्कसंगत बनाने के निर्देश दिये थे जिसके बाद करीब 32 हजार छात्रों का चयन हो सका है और अभी आरक्षित श्रेणी में कोई भी सीट रिक्त नहीं है।
इस वर्ष आईआईटी में एक हजार सीटें बढ़ने का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि कृषि इंजीनियरिंग, बॉयो टेक्नालॉजी और फार्मा जैसे क्षेत्रों में कम छात्र आ रहे हैं जिसके कारण 118 सीटें रिक्त हैं। इन विषयों के छात्र आईआईटी से बाहर दाखिला ले रहे हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आईआईटी में लड़कियां कम आ रही थी और इनकी संख्या मात्र आठ फीसदी हुआ करती थी। पिछले दो वर्षाें में इसमें सुधार हुआ और उनके लिए विशेष नीति बनायी गयी है ताकि उनकी हिस्सेदारी 20 फीसदी तक पहुंच सके। पिछले वर्ष लड़कियों की हिस्सेदारी बढ़कर 9.5 फीसदी हो गयी थी जो इस वर्ष 15 फीसदी पहुंच गयी है।
जावड़ेकर ने कहा कि छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए 15 सुरक्षात्मक उपाय सुझाये गये हैं और संस्थानों को उस पर अमल करने को कहा गया है। इसके लिए 12 सूत्री कार्ययोजना भी बनायी गयी है।