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13 thousand crore electricity bill owed to UP's leaders-officers - Sabguru News
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यूपी के नेताओं-अफसरों पर 13 हजार करोड़ बिजली के बिल का बकाया, ये जनता के कैसे बनेंगे रोल मॉडल

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यूपी के नेताओं-अफसरों पर 13 हजार करोड़ बिजली के बिल का बकाया, ये जनता के कैसे बनेंगे रोल मॉडल

देश के सबसे बड़े प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश में अफसरों और नेताओं पर बिजली विभाग का 13 हजार करोड़ बकाया है।इसका खुलासा स्वयं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने किया है। यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी माननीयाें पर सरकारी संपत्तियों का करोड़ों रुपये बकाया होने के मामले सामने आते रहें हैं।

जब-जब ऐसे मामले सामने आते हैं तब इन जिम्मेदार अफसरों और नेताओं पर नाममात्र की कार्रवाई की जाती है, तभी इनके हौसले बुलंद रहते हैं। जब माननीय ही नियम और कानून का पालन नहीं कर रहे तो ये जनता के कैसे रोल मॉडल बनेंगे ? उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग भारी घाटे में है।

अब प्रदेश की योगी सरकार बिजली विभाग को घाटे से उबारने के लिए सख्त हुई है। नेताओं और अफसरों पर वसूली के लिए प्रदेश सरकार ने नए नियम बनाए हैं। अब नेताओं और अफसरों के घरों में भी ‘प्रीपेड मीटर’  लगाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की पहल का हमें स्वागत करना चाहिए, लेकिन सवाल यही है कि आखिर अफसर और नेता सरकारी संपत्ति का बकाया चुकाने के प्रति लापरवाह क्यों हैं।

क्या यह रसूख का दिखावा है या फिर सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग की कोशिश। हम यहां खाली उत्तर प्रदेश की बात नहीं कर रहे हैं अगर जांच-पड़ताल की जाए तो देश के कई राज्यों में नेताओं और सरकारी अफसरों पर सरकारी संपत्तियों का अरबों रुपये बकाया है। हर राज्य में बड़े बकाएदारों की सूची में नेताओं और अफसरों के नाम पहले है। किसी पर सरकारी बंगले का किराया बकाया है तो किसी पर बिजली कंपनी का तो कोई नगरीय निकायों के बकायेदारों की सूची में शामिल है, किसी के हिस्से में फोन का बिल का बकाया है।

आमतौर पर बिजली और टेलीफोन कंपनियां तीन माह का बकाया होने के बाद कनेक्शन काट देती हैं। लेकिन रसूखदार नेता और अफसरों के मामले में यह नियम आखिर क्यों बदल जाते हैं ? अब उत्तर प्रदेश सरकार ने अच्छी पहल करते हुए नेताओं व सरकारी अधिकारियों के आवास पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकारी विभागों व अधिकारियों व नेताओं के आवासों पर 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बिजली का बिल बकाया होने पर नेताओं व अधिकारियों के आवास व कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाने का निर्णय लिया गया है।

ऊर्जा मंत्री के मुताबिक राज्य में एक लाख प्रीपेड मीटर के ऑर्डर दे दिए जा चुके हैं। मीटर आते ही सभी सरकारी आवासों में ये लगाए जाएंगे। श्रीकांत शर्मा ने सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी अपने यहां प्रीपेड मीटर लगवाने की अपील की है।

माननीय खुद भी कानून और नियमों का पालन करेंगे तभी दूसरे होंगे प्रेरित

विधायक हो चाहे सांसद-मंत्री या अफसरों पर सरकारी संपत्तियों का अरबों रुपया बकाया रहता है। पकड़े जाने पर भी इनके खिलाफ आम जनता की तरह कार्रवाई नहीं की जाती है। जब यह खुद ही जिम्मेदार अफसर या माननीय कानून और नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं तो ये कैसे लोगों को प्रेरित करेंगे।

अपनी रसूखदार छवि से बाहर निकलकर नौकरशाह और नेताओं को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा तभी यह जनता के रोल मॉडल बन सकेंगे। यह अकेले उत्तर प्रदेश का मामला नहीं है। अन्य राज्यों में भी कमोबेश यही स्थिति है अगर जांच पड़ताल की जाए यहां भी अफसर नेता सरकारी संपत्तियों का बकाया दबाए बैठे हुए हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है इन्हीं पर कानून और नियम बनाने की जिम्मेदारी है अगर यही नियम तोड़ते हैं तो जनता पर भी इसका असर पड़ता है। केंद्र हो या राज्य सरकार हो गैर जिम्मेदार अफसरों और नेताओं के प्रति भी सख्त रवैया अपनाना होगा। हालांकि देश में विधायक और सांसद का चुनाव लड़ने के लिए अब ‘एनओसी’ लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आने वाले समय में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार