नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में काम करने पर बल देते हुए आतंकवाद से लड़ने और विकास कार्य में हाथ बंटाने का लोगों से गुरुवार को आह्वान किया और कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा, लेकिन अब जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए समाज में जनजागरण फैलाना जरूरी हो गया है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर सरदार पटेल के सपने को पूरा करने तथा ‘एक देश, एक संविधान’ लागू करने का उल्लेख करते हुए कहा कि सत्तर साल में जो नहीं हुआ वह सत्तर दिनों में किया गया है और तीन तलाक जैसी प्रथा को भी दूर किया गया तथा गरीबी दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर से देश की सेना को मजबूत बनाने के लिए तीनों सेनाओं के वास्ते एक नया सेनापति पद शुरू करने की भी घोषणा की और कहा कि जनता के सपने को पूरा करने तथा 21वीं सदी के भारत के बारे में विचार करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले लोग सोचते थे क्या देश बदल सकता है, लेकिन अब लोग कह रहे हैं देश बदल रहा है।
प्रधानमंत्री के रूप में छठी बार लाल किले से तिरंगा फहराने वाले मोदी ने कहा कि हम अलग-अलग जरूर सोचते हैं लेकिन सबसे पहले हमारे लिए देश है। राजनीति तो आती जाती रहती है, लेकिन देशहित में कदम उठाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल में हर सरकार चाहे वह केंद्र की रही हो या राज्यों की, या जिस किसी पार्टी की, सबने जनता के कल्याण के लिए काम किया है।
मोदी ने देश की सेवा करने के लिए लोगों से छोटा परिवार रखने की सलाह देते हुए कहा, कि जनसंख्या विस्फोट हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है, लेकिन यह बात माननी होगी कि हमारे देश में एक जागरुक वर्ग भी है, जो इस बात को भलीभांति समझता है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के समक्ष बढ़ती आबादी को लेकर होने वाली समस्या के मद्देनजर जनसंख्या विस्फोट के लिए जनजागरण चलाना होगा और देश की सेवा करने के लिए छोटा परिवार रखना होगा।
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि सरकार आने वाले दिनों में ‘जल जीवन मिशन’ को आगे लेकर बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हम जल जीवन मिशन को लेकर आगे बढेंगे और इसके लिए केंद्र तथा राज्य सरकार मिलकर काम करेंगे एवं आने वाले वर्षों में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम इस मिशन के लिए खर्च करने का हमने संकल्प किया है। उन्होंने देशवासियों से डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक को भी अलविदा करने की अपील की।
मोदी ने कहा कि यदि 2014 से 2019 तक आवश्यकताओं की पूर्ति का दौर था तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति और उनके सपनों को पूरा करने का कालखंड है। देश में आज 21वीं सदी की आवश्यकता के मुताबिक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है और इस पर 100 लाख करोड़ रुपए निवेश करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमें गरीबी से मुक्त होना ही है और पिछले पांच वर्षों में गरीबी कम करने की दिशा में और गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर लाने की दिशा में बहुत सफल प्रयास भी हुए हैं लेकिन अब देश को नयी ऊंचाइयों को पार करना है, विश्व में अपना स्थान बनाना है और हमें अपने घर में ही गरीबी से मुक्ति पर बल देना है।
मोदी ने कहा कि भारत को अब धीरे-धीरे विकास नहीं करना है, बल्कि ऊंची छलांग लगाना जरूरी है और हमें अपनी चिंतन प्रक्रिया को भी विस्तार देना है। हमें दुनिया की श्रेष्ठ परम्पराओं को ध्यान रखना है और एक अच्छी व्यवस्था का निर्माण करना है।
उन्होंने अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए कहा कि यह मजबूती हमें आगे ले जाने का भरोसा दिलाती है और स्थिर सरकार तथा अच्छी नीतियों के कारण विश्व भारत के साथ व्यापार करने को इच्छुक है। हम देश में महंगाई को नियंत्रण में लाने और विकास कार्याें को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम इस बात पर विचार करें कि हम निर्यात को कैसे बढ़ा सकेें। देश के हर जिले को इसमें योगदान देना है और यह सेाचना है कि हम स्थानीय उत्पादों को कैसे आकर्षक बनाएं।
मोदी ने जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि जो 70 साल में नहीं हुआ, वह इस सरकार ने 70 दिन में कर दिखाया है और अब ‘एक देश, एक संविधान’ का सिद्धांत लागू हो गया है। उन्होंने कहा कि देश की एकता, राज्य के एकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। आज लाल किले से मैं गर्व से कह सकता हूं कि सरदार साहब के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सपने को चरितार्थ करने में लगा हूं।
उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता की यह जिम्मेदारी थी कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों के सपनों को पूरा करे और हमने वहां की जनता की आकांक्षाएं पूरी करने के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर कर दिया है तथा सरदार पटेल के सपनों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए हर कोई प्रखर रूप से समर्थन देता रहा, लेकिन राजनीति के गलियारों में चुनाव के तराजू से तौलने वाले कुछ लोग 370 के पक्ष में कुछ-कुछ कहते रहे हैं। अनुच्छेद 370 इतना अच्छा था तो सत्तर साल में इसे स्थायी क्यों नहीं कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि हम न तो समस्याओं को टालते हैं, न पालते हैं। मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए की पुरानी व्यवस्था से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था। लेकिन अब इसे समाप्त कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण घाटी के लोगों को कई सुविधाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा था। यहां पर भ्रष्टाचार और अलगाववाद ने अपने पैर जमा लिये थे। वहां के दलितों, गुर्जर समेत अन्य लोगों को उनके अधिकार नहीं मिल पा रहे थे, जो अब उन्हें मिलने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सुख समृद्धि और शांति की दृष्टि से देश के लिए प्रेरक बन सकते हैं और विकास यात्रा में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।
मोदी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर के कारण एक देश एक कर का सपना साकार हुआ है वहीं देश ने ऊर्जा क्षेत्र में ‘एक देश एक ग्रिड’ की उपलब्धि भी हासिल की है। एक राष्ट्र एक मोबलिटी कार्ड की भी व्यवस्था की जा रही है। आज देश ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर भी बात कर रहा है और इस बारे में विचार का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में कही भी आतंकवाद मानवता के खिलाफ एक युद्ध है, इसलिए विश्व की सभी मानवीय शक्तियों को एकजुट होने की जरूरत है और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और उसे फैलाने वालों को सबके सामने उजागर किया जाना जरूरी है तथा इस काम में भारत को सक्रिय भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भारत को ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों को भी आतंकवाद को तबाह करके रखा है। बांग्लादेश, अफगानिस्तान भी आतंकवाद से जूझ रहा है श्रीलंका के चर्च में भी निर्दोष लोगों की हत्या की गई।
उन्होंने देश के विकास के लिए लोगों से घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा कि मुझे मालूम है कि लोग छुट्टियां मनाने विदेशों में जाते हैं लेकिन क्या हम इस बात को सोच सकते हैं कि हमें आजादी की 75वीं वर्षगांठ (वर्ष 2022) से पहले कम से कम अपने ही देश के 15 पर्यटन स्थलों की यात्रा करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण को सुरक्षित बनाने की चर्चा करते हुए कहा किे क्या हम भारत को प्लास्टिक मुक्त बना सकते हैं? अब यह समय आ गया है कि इस विचार को लागू किया जाए। इस दिशा में लोगों को प्रेरित किया जाना चाहिए और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर दो अक्टूबर से इस दिशा में एक ठोस कदम उठाया जाना चाहिए।
मोदी ने सम्पत्ति सृजन को राष्ट्र की बड़ी सेवा करार देते हुए कहा कि सम्पत्ति सृजन देश सेवा है, इसलिए हमें सम्पत्ति सृजित करने वालों को संदेह की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए क्योंकि जब सम्पत्ति का निर्माण होगा तभी उसे जनता के बीच में वितरित भी किया जा सकता है। इसलिए सम्पत्ति का सृजन करना आवश्यक है और जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें सम्मान भी दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि हमारे लक्ष्य हिमालय जितने ऊंचे हैं, हमारे सपने अनगिनत-असंख्य तारों से भी ज्यादा हैं, हमारा सामर्थ्य हिन्द महासागर जितना अथाह है, हमारी कोशिशें गंगा की धारा जितनी पवित्र हैं, निरंतर हैं। और सबसे बड़ी बात, हमारे मूल्यों के पीछे हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति की प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए गर्व का विषय है कि महंगाई को काबू करते हुए, हम विकास दर को बढ़ाने वाले एक महत्वपूर्ण समीकरण को लेकर चले हैं। हमारे देश में बहुत बड़ी तादात में डॉक्टरों की जरूरत है, आरोग्य की सुविधाओं और व्यवस्थाओं की आवश्यकता है, उसको पूरा करने करने के लिए नए कानूनों एवं व्यवस्थाओं की जरूरत है, इसके लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कानून बनाए है।