श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से कम से कम 15 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 40 से अधिक लापता होने की सूचना है। हालांकि पुलिस ने अब तक इस घटना में केवल 13 मौतों की पुष्टि की है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को घटना और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र हरसंभव मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल स्थिति पर बहुत करीब से नजर रखे हुए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि बादल अमरनाथ गुफा के बहुत नजदीक एक जगह पर फटा और यह तीर्थयात्रियों के टेंट आवास और सामुदायिक रसोई से जा टकराया। उन्होंने बताया कि बादल फटने से आई अचानक आई बाढ़ में कई तंबू बह गए, जिसमें अब तक कम से कम 15 यात्रियों की मौत हो चुकी है और कई अब भी लापता हैं। तलाशी अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि अन्य लापता श्रद्धालुओं की तलाश जारी है साथ ही बचाव और राहत अभियान अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में घायल हुए तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया।
पुलिस, सुरक्षा बलों और एनडीआरएफ की बचाव टीमों ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है। सेना के हेलीकॉप्टरों को भी सेवा में लगाया गया है। लापता तीर्थयात्रियों का पता लगाने के लिए सेना के खोजी कुत्तों को भी लगाया गया है।
कश्मीर घाटी के कई राजनीतिक नेताओं ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है और अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की है। एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बचाव दल लापता लोगों की तलाश के लिए एक-एक करके बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए 10-15 तंबुओं को साफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुफा के बाईं ओर की धारा अचानक बाढ़ के कारण पूरी तरह से गायब हो गई है।