वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में कैंट रेलवे स्टेशन के निकट मंगलवार शाम एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का पिलर गिरने से कम से कम 16 लोगों की मृत्यु हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कैंट स्टेशन के निकट चौकाघाट लहरतारा निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा तेज धमाके के साथ गिर गया। भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में हुए इस हादसे में यात्रियों से भरी एक रोडवेज बस समेत करीब आधा दर्जन वाहन दब गए। बस में करीब 40 लोगों के सवार होने की आशंका है। पिलर को हटाने के लिए क्रेनें लगी हुई हैं। इस हादसे में मृतकों की तादाद बढ़ने के आसार हैं।
सूत्रों ने बताया कि फ्लाईओवर के नीचे करीब 50 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। पिलर को हटाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में क्रेनें लगी हुई हैं। घायलों को बीएचयू अस्पताल और कई निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
वाराणसी के अपर पुलिस महानिदेशक पी वी रामशास्त्री ने मृतकों की तादाद बढ़कर 30 हाेने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता घायलों को उपचार मुहैया कराने की है। पिलर को हटाने के लिये कटर की मदद ली जा रही है। हादसे में 12 लोगों के मरने की पुष्टि कर दी गई है।
एनडीआरएफ की चार टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है। इस बीच बीएचयू प्रवक्ता ने बताया कि अस्पताल में तीन घायलों को लाया गया था जिनमें एक संजय कुमार की पहले ही मौत हो चुकी थी हालांकि राजेश कुमार भास्कर और महेन्द्र प्रताप की हालत गंभीर बनी हुई है।
पूर्वोत्तर रेलवे चिकित्सालय के जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार के अनुसार छह घायलों को रेलवे मंडल चिकित्सालय वाराणसी लाया गया था। इनमें से चार को चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया जबकि दो का उपचार चल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम का गठन किया है। कृषि उत्पादन आयुक्त राजप्रताप सिंह की अगुवाई में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता भूपेन्द्र सिंह और जल निगम के प्रबंध निदेशक राजेश मित्तल हादसे के कारणों की जांच करेंगे और 48 घंटों में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगीे।
मुख्यमंत्री ने वाराणसी में निर्माणाधीन पुल गिरने की घटना पर दु:ख जताया है और उन्होंने जिला प्रशासन को तेजी से बचाव कार्य करते हुए लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य वाराणसी के लिये रवाना हो गए।
पुलिस की सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम राहत कार्य में जुट गई है। गिरे हुए पिलर को क्रेन की मदद से हटाया जा रहा है। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
योगी ने मृतकों को पांच-पांच लाख और घायलों को दो-दो लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हादसे पर दु:ख जताया है और तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और पुलिस मौके पर जुटी हुई है। उनकी कोशिश है कि हादसे में कम से कम जनहानि हो।
भीड़भाड़ वाले इलाके में पिलर के गिरने से आसपास के क्षेत्र में धूल और धुयें का गुबार छा गया। अचानक हुए इस हादसे में भगदड़ मचने से कई लोग एक दूसरे पर गिर पड़े। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मोर्चा संभाल लिया। दुर्घटनाग्रस्त पिलर के आसपास के क्षेत्र को सुरक्षा बलों ने अपने घेरे में ले लिया।
दमकल विभाग और पुलिस के जवानों के साथ स्थानीय लोग भी राहत कार्य में जुट गए। गिरे हुए पिलर के नीचे से कुछ लोगों को निकाला गया और एंबुलेंस के जरिये उन्हें निकटवर्ती अस्पताल में भेजा गया।
दुर्घटना के बाद यातायात बाधित हो गया और लंबी दूरी तक जाम की स्थिति भी बन गई। लोगों को बचाने के साथ ही पुलिस यातायात को सुचारु रूप से संचालित करने में व्यस्त हो गई।
लखनऊ में मंत्रिमंडल की बैठक में व्यस्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की सूचना मिलते ही वाराणसी जिला प्रशासन को स्थिति को संभालने और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और नीलकंठ तिवारी को वाराणसी जाकर स्थिति और बचाव कार्य का जायजा लेने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी रामेश्वर मिश्रा ने कहा कि बचाव कार्य तेजी से जारी है। पुलिस और एनडीआरएफ के जवान पिलर के नीचे दबे घायलों को निकालने में जुटे हैं। घटनास्थल पर डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है। प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल भेजा जा रहा है।
लखनऊ में पुलिस महानिदेशक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार हादसे में पिलर के नीचे दबे लोगों की संख्या के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी हालांकि दुर्घटना के बाद भगदड़ की स्थिति बनने से कई लोग चुटहिल हुए हैं।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि मौके पर पुलिस की टीमें भेजी गई हैं। राहत व बचाव कार्य के साथ ही यातायात नियंत्रण पर भी ध्यान रखा जा रहा है। कोशिश है कि सभी घायलों को वहां से जल्द से जल्द निकाला जाए।