जयपुर। राजस्थान में केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के तहत स्वीकृत 16 नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन राजमेस सोसायटी के माध्यम से करने, बाल संरक्षण के क्षेत्र में नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार प्रारम्भ करने तथा भूमि आवंटन प्रक्रिया अधिक सुगम एवं सरल बनाने के लिए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में इसके सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में मंत्रिपरिषद् ने केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के तहत प्रदेश में स्वीकृत 16 नए मेडिकल कॉलेजों तथा भविष्य में आने वाले सभी नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का संचालन राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के अध्यधीन किए जाने का निर्णय लिया है।
इससे इन कॉलेजों का बेहतर प्रबंधन एवं सुगमता से संचालन हो सकेगा। साथ ही, हैल्थ सेक्टर में मानव संसाधन, विशेषकर चिकित्सकों की कमी को दूर करते हुए जनसंख्या के अनुरूप चिकित्सकों के अनुपात में सुधार लाया जा सकेगा।
केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के दूसरे एवं तीसरे चरण में धौलपुर, बारां, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, सिरोही, बूंदी, सवाईमाधोपुर, टोंक, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, दौसा, अलवर तथा श्रीगंगानगर मेें नव स्वीकृत मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने हैं।
बैठक में जन अनुशासन लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट, वैक्सीनेशन अभियान और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में भी चर्चा की गई।
इसके अलावा बैठक में मंत्रिपरिषद् ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान की है। इससे भूमि आवंटन प्रक्रिया अधिक सुगम एवं सरल हो सकेगी तथा राजकीय विभागों के लिए आवश्यक भूमि का आवंटन स्थानीय निकाय स्तर पर संभव हो सकेगा। इससे प्रीमियर संस्थानों को भूमि का आवंटन सुगम एवं शीघ्र होने से राज्य में निवेश प्रस्तावों का त्वरित क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
मंत्रिपरिषद ने जल संसाधन विभाग में कनिष्ठ प्रारूपकार (जूनियर ड्राफ्ट्समैन), अनुरेखक (ट्रेसर) तथा पटवारी की शैक्षणिक योग्यता में परिवर्तन के लिए राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी सेवा (सिंचाई शाखा) नियम-1967 में संशोधन को मंजूरी दी है।
बैठक में राजस्थान पर्यटन नीति-2020 के अनुसरण में तैयार की गई ‘पर्यटकों के लिए राजकीय अतिथि गृह योजना-2021‘ का अनुमोदन किया गया।