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168 साल की हुई भारतीय रेल, लॉकडाउन की वजह से पहली बार थमी ट्रेन - Sabguru News
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168 साल की हुई भारतीय रेल, लॉकडाउन की वजह से पहली बार थमी ट्रेन

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168 साल की हुई भारतीय रेल, लॉकडाउन की वजह से पहली बार थमी ट्रेन
168 year old Indian Railways first stop train due to lockdown
168 year old Indian Railways first stop train due to lockdown
168 year old Indian Railways first stop train due to lockdown

आज हमारी भारतीय रेल 168 साल की पूरी हो गई है। देश में पहली बार रेलगाड़ी महाराष्ट्र के ठाणे से बंबई (अब मुंबई) के बीच 16 अप्रैल 1853 को चलाई गई थी।

तब से लेकर आज तक हमारी ट्रेन लगातार रफ्तार से भागती आ रही है। लेकिन मौजूदा समय में कोरोना वायरस और लॉकडाउन होने की वजह से आज ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। 168 सालों में यह पहला मौका होगा जब हमारी भारतीय रेल की सेवा ठप पड़ी हुई है।

कोरोना संक्रमण वायरस की वजह से केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देश में 21 दिनों का उसके बाद 3 मई तक लॉकडाउन को और बढ़ा दिया है जिस कारण ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई हैं। हम आपको बता दें कि भारतीय रेल की शुरुआत अंग्रेजों के समय हुई थी। इस ट्रेन में लगभग 400 यात्रियों ने सफर किया था। पहली ट्रेन ने लगभग 34 किलो मीटर लंबे रेलखंड पर सफर तय किया था। भारत में उस समय ट्रेन की शुरुआत देश की एक बड़ी उपलब्धि थी। पहली ट्रेन को भाप के इंजन के जरिये चलाया गया था।

देश की आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, जिसमें 14 अगस्त 1947 को रेल नेटवर्क भी दोनों देशों के बीच बंट गया। आजादी के चार साल बाद 1951 में रेलवे का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। फिलहाल भारतीय रेलवे लगभग 15 लाख कर्मचारियों के साथ दुनिया में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला विभाग है। दूसरी ओर भारतीय रेल विश्व में सबसे बड़ी ट्रेन सेवा देने के लिए जानी जाती है । यही नहीं आज भारतीय रेल का लगभग पूरे देश में विस्तार हो चुका है।

ढाई करोड़ से अधिक लोग भारतीय ट्रेनों में हर दिन यात्रा करते हैं

भारतीय ट्रेन में हर दिन लगभग ढाई करोड़ लोग यात्रा करते हैं। मुंबई में तो ट्रेन पर पूरी लाइफ लाइन टिकी रहती है। यहां की मेट्रो हर रोज लाखों की संख्या में लोग कर्मचारी अपने काम पर जाते हैं और शाम को इसी से लौटते हैं। विश्व का सबसे लंबे प्लेटफॉर्म का रिकॉर्ड भी भारतीय रेलवे के ही नाम है। भारतीय रेलवे का मस्कट भोलू नामक हाथी है। यह हाथी बतौर गॉर्ड तैनात है। इस समय विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भारत की चिनाब नदी पर बन रहा है। सिविल इंजीनियरिंग के चमत्कार का आश्चर्य है कि यह पुल पूरा बनने के बाद पेरिस के एफिल टावर को भी ऊंचाई के मामले में पीछे छोड़ देगा।

इस समय भारत में लगभग 115,000 किलोमीटर लंबें रेल ट्रेक का जाल फैला है। भारतीय रेलवे अमरीका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह दुनिया का 9वां सबसे बड़ा नौकरी देने वाला विभाग है। हिमाचल प्रदेश, दार्जिलिंग और राजस्थान में ट्रेन सेवा सैलानियों के लिए काफी आकर्षित मानी जाती है। पर्यटक यहां पर ट्रेन के जरिए ही पर्यटक स्थलों पर भ्रमण को जाते हैं।

मौजूदा समय में कोरोना वायरस मरीजों के भी काम आ रही है ट्रेन

लॉकडाउन की वजह से देश भर की ट्रेन जहां की तहां भले ही खड़ी हो लेकिन अभी भी वह देशवासियों के काम ही आ रही है। हम आपको बता दें कि भारत में कोरोला वायरस फैलने की वजह से अस्पतालों की कमी पड़ गई है। जिसके बाद कई ट्रेनों के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। भारतीय ट्रेनों को लेकर हिंदी सिनेमा की कई फिल्में भी बन चुकी है। देशभर में माल ढुलाई के लिए आज भी ट्रेनों का उपयोग सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हर रोज एक शहर से दूसरे शहर तक कामगार लोग रोजाना ट्रेनों से यात्रा करते हैं।

देश में छुक-छुक कर शुरू हुई रेलगाड़ी आज स्मार्ट ट्रेन के रूप में रफ्तार भर रही है है। यही नहीं आने वाले तीन-चार सालों में हमारे देश में बुलेट ट्रेन भी दौड़ने लगेगी । आज भले ही लॉक डाउन की वजह से रेलगाड़ी अपनी सेवाएं यात्रियों को नहीं दे पा रही हैं लेकिन भारतीय रेलवे के इतिहास में 16 अप्रैल के दिन की खास अहमियत है और हमेशा रहेगी। आओ हम सभी भारतीय रेल के 168 वर्ष पूरे होने पर कामना करें कि हमारी ट्रेन निरंतर इसी गतिमान से आगे बढ़ती रहे और यात्रियों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराती रहे।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार