नई दिल्ली। सऊदी अरब के विभिन्न इलाकों में फंसी 18 चिकित्साकर्मियों ने स्वदेश वापस आने की व्यवस्था किए जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
इन 18 चिकित्साकर्मियों (नर्स एवं डॉक्टर) की ओर से अधिवक्ता जोस अब्राहम ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके उन गर्भवती चिकित्साकर्मियों को सुरक्षित वापस बुलाने को लेकर केंद्र सरकार एवं अन्य प्रतिवादियों को समुचित दिशानिर्देश देने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ताओं ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के जरिये केंद्र सरकार को तथा केरल सरकार को प्रतिवादी बनाया है।
याचिका में कहा गया है कि ज्यादातर याचिकाकर्ता गर्भ के एडवांस स्टेज में हैं। याचिका में कहा गया है कि ये सभी भारत वापस आना चाहती हैं। ये नर्स और डॉक्टर सऊदी अरब के विभिन्न प्रान्तों में काम कर रही हैं और ये सभी बहुत मुश्किल दौर से गुजर रही हैं।
याचिका में कहा गया है कि इनमें से कुछ चिकित्साकर्मियों का अस्पतालों से करार खत्म हो गया है तो कुछ ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वे कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ की वैश्विक महामारी के कारण स्वदेश लौटने में असमर्थ रही हैं।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि तमाम बदइंतजामी के कारण न केवल उनकी जान को, बल्कि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी खतरा है। इसलिए उन्हें यथाशीघ्र स्वदेश बुलवाने के लिए उचित प्रबंध किए जाने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
याचिका में यह भी कहा गया है कि इन सभी को मार्च और अप्रैल में भारत वापस आने की योजना थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते उड़ानें रद्द हो गई और वे वही फंस गई। याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसे समय में जब वे बहुत ही नाजुक समय से गुजर रही हैं, इस देश में वे अकेली हैं और उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है।
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