जोधपुर। छह वर्ष की उम्र में बाल विवाह की शिकार पिंटू ने करीब बारह वर्ष बाद विवाह बंधन तोड़ने के लिए जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय में दस्तक दी है।
ससुराल वालों की लगातार मिल रही धमकियों से घबराई पिंटू देवी ने सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डाॅ.कृति भारती का संबल पाकर जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या एक में बाल विवाह निरस्त करने की गुहार लगाई।
जिस पर पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश पी के जैन ने बाल विवाह निरस्त का वाद दर्ज कर पति को नोटिस जारी किया। पीथावास गांव निवासी कमठा मजदूर सोहनलाल विश्नोई की पुत्री पिंटू(18) का 2006 में बाल विवाह बनाड़रोड सारण नगर निवासी एक युवक के साथ हुआ था। उस समय उसकी उम्र 6 साल ही थी।
बालिका वधु के ससुराल वाले अापराधिक कृत्यों में लिप्त होने के साथ पिंटू के परिजनों को बाल विवाह खत्म कराने पर जाति दंड एवं हुक्का-पानी बंद कराने की धमकियां देनी शुरू कर दी जिससे पिंटू एवं परिजन भयभीत रहने लगे हैं।