नयी दिल्ली | सरकार ने चालू वित्त वर्ष में फर्जी कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई का दूसरा चरण शुरू करने का आज ऐलान करते हुये कहा कि इस दौरान 2,25,910 कंपनियों का पंजीयन रद्द किया जायेगा और वर्ष 2016-17 में 2,26,166 कंपनियों का पंजीयन रद्द करते हुये 3,09,619 निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया।
फर्जी कंपनियों की पहचान एवं कार्रवाई के लिए गठित कार्यबल ने इस तरह की कंपनियों पर नकेल कसने के लिए कई उपाय किये हैं। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने भी फर्जी कंपनियों का डाटा तैयार किया है। कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने वर्ष 2016-17 के दौरान 2,26,166 फर्जी कंपनियों की पहचान करते हुये उनके पंजीयन रद्द किये और उनसे जुड़े 3,09,619 निदेशकों को अयोग्य घोषित किया। कंपनी पंजीयक ने चालू वित्त वर्ष में कार्रवाई के लिए 2,25,910 फर्जी कंपनियों की पहचान की है। उनके विरुद्ध कंपनी कानून की धारा 248 के तहत कार्रवाई की जायेगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री कार्यालय ने कर चोरी और अवैध गतिविधियों काे अंजाम देने के उद्देश्य से बनायी गयी फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से राजस्व सचिव और कंपनी मामलों के सचिव की संयुक्त अध्यक्षता में इस कार्यबल का गठन किया था जिसके सदस्यों में वित्तीय सेवा विभाग, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी), केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एसएफआईओ, एफआईयू, आईएनडी, रिजर्व बैंक, सेबी, महानिदेशक जीएसटीआई और महानिदेशक सीईआईबी शामिल हैं। कार्यबल की अब तक आठ बैठकें हो चुकी हैं।