नई दिल्ली। मध्यप्रदेश विधानसभा से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के 21 बागी पूर्व विधायकों ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
ग्वालियर चंबल क्षेत्र के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक ये पूर्व विधायक बेंगलूरु से दोपहर एक विशेष विमान से नई दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने सबसे पहले सिंधिया से भेंट की और उसके बाद ये भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निवास पर पहुंचे।
नड्डा के साथ सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं धर्मेन्द्र प्रधान और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में सभी 21 पूर्व विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। बिसाहूलाल साहू पहले ही भोपाल में भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं।
शनिवार को सदस्यता लेने वाले इन विधायकों में तुलसी सिलावट, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, जसवंत जाटव, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिर्राज डंडोतिया, रक्षा संतराम, ऐंदल सिंह कंसाना, मनोज चौधरी और रणवीर जाटव शामिल थे।
कांग्रेस में सिंधिया की अनदेखी किए जाने के विरोध में बगावत करने वाले इन पूर्व विधायकों के इस्तीफे के बाद ही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। बताया जा रहा है कि उनकी गृह मंत्री अमित शाह से भी भेंट होने की संभावना है। इस दौरान आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इन विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य में भाजपा सरकार के नेतृत्व के सवाल पर विचार-विमर्श तेज हो गया है। इस प्रक्रिया में सिंधिया की राय अहम होगी क्योंकि भाजपा की सरकार का गठन उनके कारण ही हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विधानसभा में भाजपा विधायक दल के वर्तमान नेता एवं विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव के नाम संभावित नेताओं के रूप में लिए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार उधर भोपाल में भाजपा विधायक दल की शनिवार को प्रस्तावित बैठक कोरोना महामारी के कारण सोमवार तक टाल दी गई। अब सोमवार को भाजपा के विधायक दल के नेता का चुनाव होगा। सूत्रों के अनुसार भाजपा 25 मार्च को गुड़ी पड़वा यानी नवसंवत्सर के मौके पर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।