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हिन्दी ‘पाक्षिक सनातन प्रभात’ का 21वां वर्षगांठ समारोह संपन्न

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हिन्दी ‘पाक्षिक सनातन प्रभात’ का 21वां वर्षगांठ समारोह संपन्न

जयपुर। ट्रुथ(Truth) मासिक पत्रिका के संपादक और बंगाल के ‘शास्त्र धर्म प्रचार सभा’ के सहसचिव शिवनारायण सेन ने कहा किया कि हिन्दू धर्म वैज्ञानिक चिंतन से समृद्ध है। भारत में संगीत, विद्या, स्थापत्त्य, गणित आदि अनेक विषयों पर प्राचीन काल से शोध हुआ है।

तमिलनाडु के प्राचीन श्रीवराह मंदिर में गर्भावस्था की विभिन्न आकृतियां पत्थर पर कुरेदी गई हैं। अर्थात हमारे पूर्वजों को उस विषय का ज्ञान था। ऐसे अनेक विषयों का ज्ञान हमारे पास पहले से था। इसलिए आध्यात्मिक ज्ञान से जागतिक कल्याण तथा उसका पोषण करने की क्षमता केवल भारत में ही है।

एक बार भारतवर्ष धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र बन जाए, तो संपूर्ण विश्‍व का ही कल्याण होने वाला है। वे ऑनलाइन संपन्न हुए हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात के 21वें वर्षगांठ समारोह में बोल रहे थे।

कार्यक्रम का प्रारंभ हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन द्वारा किया गया। उसके उपरांत हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात के वर्षगांठ के अंक का लोकार्पण हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के अध्यक्ष अधिवक्ता हरि शंकर जैन के करकमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ जयंत बाळाजी आठवले ने आशीर्वादरूपी दिए शुभसंदेश का वाचन भी किया गया।

कार्यक्रम में सनातन प्रभात के पाठक राजस्थान के स्वामी संवित सोमगिरी महाराज, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता उमेश शर्मा, लश्कर-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष ईश्‍वरप्रसाद खंडेलवाल ने अपने मनोगत व्यक्त किए। यह कार्यक्रम यू-ट्यूब और फेसबुक के माध्यम से 26444 लोगों ने देखा।

इस अवसर पर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सनातन प्रभात के सहायक संपादक चेतन राजहंस ने कहा कि द्रष्टा संतों ने 12 साल पहले ही एक समाचार के निमित्त बताया था कि तीसरे विश्‍ववृद्ध के लिए चीन उत्तरदायी सिद्ध होगा। चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने हेतु भी कहा था। आज गलवान-लद्दाख प्रकरणों से चीन और भारत के मध्य की तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए उस दूरदृष्टि की प्रतीति होती है।

सनातन प्रभात में प्रकाशित लव जिहाद के षड्यंत्र से मुक्त हुई हिन्दू युवतियों के अनुभव और समाचार का संदर्भ लेकर हिन्दू जनजागृति समिति ने लव जिहाद का ग्रंथ प्रकाशित किया। इस ग्रंथ की 11 भाषाओं में 4 लाख प्रतियां संपूर्ण देश में वितरित हुई। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों में लव जिहाद के विरोध में बनाया गया कानून हम उस समय की गई जागृति का परिणाम मानते हैं। हिन्दुओं पर होने वाले आघातों के विरोध में हिन्दुओं को जागृत करने का काम सनातन प्रभात ने किया है।

इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर पूर्व भारत के प्रचारक नीलेश सिंगबाळ ने कहा कि मंदिर सरकारीकरण कानून, एनसीईआरटी के पाठ्यपुस्तकों में इतिहास का विकृतीकरण, कुंभमेले के समय रेलवे द्वारा लगाया गया अधिभार तथा कोरोना की पृष्ठभूमि पर जगन्नाथ यात्रा स्थगित करने का न्यायालय का आदेश और इनके समान अनेक विषयों में समिति द्वारा किए गए संघर्ष के कारण हिन्दुआें को सफलता मिली है। इसलिए समाज भी इस संबंध में जागृत हुआ है।