सबगुरु न्यूज़, नई दिल्ली। ऐसा कोई काम नहीं जिसे महिलाएं न कर सकें और इस बात का जीता जागता उदाहरण दिया है 22 साल की अवनी चतुर्वेदी ने। मध्य प्रदेश की अवनी अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। 19 फरवरी को अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से अकेले ही फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 से उड़ान भरी।
मध्य प्रदेश के रीवा शहर की अवनी चतुर्वेदी को देश की पहली तीन महिला फाइटर पायलट में शामिल होने का गौरव भी हासिल हुआ था। अवनी चतुर्वेदी के अलावा बिहार के बेगूसराय की भावना कांत और गुजरात के वडोदरा की मोहना सिंह, वर्ष 2016 में देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई थीं।
बता दें, अभी तक वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं। अवनी ने मिग-21 बाइसन को अकेले ही उड़ाया है और ऐसा करके अवनी ने इतिहास रच दिया। इंडियन एयरफोर्स में फिलहाल 94 महिला पायलट हैं, लेकिन ये पायलट फाइटर जेट्स नहीं उड़ाती हैं। अवनी ने जब एयरफोर्स ज्वाइन की थी उस वक्त महिलाएं केवल हेलीकॉप्टर और दूसरे विमान ही उड़ा रही थीं। दुनिया के चुनिंदा देशों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल और पाकिस्तान में ही महिलाएं फाइटर पायलट बन सकती हैं।
अवनी ने हैदराबाद की वायु सेना अकादमी से पढ़ाई की है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दियोलैंड से की जो कि मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है। साल 2014 में राजस्थान के वनस्थली यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। जिसके बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना की परीक्षा पास की। जब वह कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी, उस दौरान उन्हें फ्लाईंग क्लब में विमान में उड़ने का मौका मिला। जिसके बाद उन्होंने तय किया कि वह भारतीय वायुसेना में पायलट बनेंगी। बता दें, अवनी के पिता मध्य प्रदेश सरकार में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं और मां हाउसवाइफ।
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