जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछली राज्य सरकार की उपेक्षा का शिकार हुए राजस्थान आवासन मंडल को हमारी सरकार ने फिर से सशक्त बनाने का काम किया है।
गहलोत आज यहां बिडला सभागार में राजस्थान आवासन मंडल के राज्य स्तरीय स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस संस्था को जरूरतमंद लोगों के आवास के सपने को पूरा करने के लिए बनाया गया हो तथा जिसे स्व. द्वारकादास पुरोहित जैसे पुरोधाओं ने खड़ा किया हो, उस संस्था हाउसिंग बोर्ड पर ताले लगाने जैसी बातें कही गई। उन्होंने कहा कि आवासन मंडल में हजारों बिना बिके मकान पड़े होने के बावजूद नए मकान बनते गए। ऎसा क्यों हुआ, यह मेरी समझ से परे है।
उन्होंने आवासन मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर आमजन के विश्वासन पर खरा उतरने का आह्वान करते हुए कहा कि आमतौर पर हाउसिंग बोर्ड के मकानों की गुणवत्ता को लेकर लोगों में अच्छी धारणा नहीं रही है। यह धारणा बदलनी चाहिए। बोर्ड यह सुनिश्चित करे कि जो भी मकान बनें वे गुणवत्ता वाले ही हों। इससे आम लोगों में मंडल की साख बढ़ेगी।
गहलोत ने कहा कि आम आदमी के इस सपने को पूरा करने के लिए हाउसिंग बोर्ड को नई-नई योजनाएं लाकर राज्य के सभी जिलों में अपना विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तिब्बती शरणार्थियों, दस्तकारों, राज्य सहायक कर्मचारियों, प्रहरियों, शिक्षकों, सीआरपीएफ जवानों सहित समाज के विभिन्न तबकों के लिए आवासीय एवं अन्य योजनाएं बनाकर आवासन मंडल ने अच्छी पहल की है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को छूट के आधार पर किश्तों में आवास मिल सकें, इसके लिए हमारी सरकार नीतिगत फैसला लेगी।
समारोह में नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बीते कुछ समय में आवासन मंडल ने अपनी करीब एक हजार करोड़ रूपए की संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। जो लोग ब्याज और पेनल्टी के कारण अपने मकानों की बकाया लीज एवं अन्य देनदारी नहीं चुका पाते उनके लिए एमनेस्टी योजना लाई गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में हाउसिंग बोर्ड को मजबूत किया गया है।