Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
अनुकूल पड़ोस प्रतिस्पर्धा में 25 शहरों का चयन - Sabguru News
होम Delhi अनुकूल पड़ोस प्रतिस्पर्धा में 25 शहरों का चयन

अनुकूल पड़ोस प्रतिस्पर्धा में 25 शहरों का चयन

0
अनुकूल पड़ोस प्रतिस्पर्धा में 25 शहरों का चयन
25 cities selected in friendly neighborhood competition
25 cities selected in friendly neighborhood competition
25 cities selected in friendly neighborhood competition

नई दिल्ली। बालकाें को सुरक्षित एवं अनुकूल बचपन उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज- अनूकूल पड़ोस प्रतिस्पर्धा में 25 शहरों के चयन की घोषणा की है।

मंत्रालय ने गुरूवार को यहां बताया कि यह चैलेंज – प्रतिस्पर्धा तीन वर्ष का कार्यक्रम है। इससे कोहॉर्ट बर्नाड वैन लीयर फाउंडेशन (बीबीएलएफ) तथा डब्ल्यूआरआई इंडिया के तकनीकी साझीदारी से प्रारंभ किया गया है। अनुकूल पड़ोस प्रतिस्पर्धा में अगरतला, बैंगलुरु, कोयम्बटुर, धर्मशाला, इरोड, हुबली-धारवाड़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, काकीनाडा, कोच्चि, कोहिमा, कोटा, नागपुर, राजकोट, रांची, रोहतक, राउरकेला, सलेम, सूरत, तिरुवंतपुरम, तिरूप्पुर, उज्जैन, बडोदरा तथा वारांगल का चयन किया गया है। इन शहरों को प्रतिस्पर्धा में लोगों की भागीदारी से लिए काम करने और प्रस्तावों के लिए सहमति बनाने के उद्देश्य से अगले छह महीनों तक परीक्षण और प्रायोगिक कार्य के लिए तकनीकी सहायता, क्षमता सृजन अवसर मिलेगा।

मंत्रालय के अनुसार प्रतिस्पर्धा के पहले चरण में नगर प्राधिकरणों से आवेदन आमंत्रित किए गए। इसकी अंतिम तिथि सात फरवरी थी। देश भर के 63 शहरों ने इसके लिए आवेदन किया। आवेदन करने वाले शहरों में से मूल्यांकन समिति ने उनके आवेदनों की मजबूती के आधार पर 25 शहरों का चयन किया।

विभिन्न शहरों ने अनेक प्रायोगिक परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है। इनमें पास पड़ोस में नन्हें बच्चों के चलने के लिए कॉरिडोर, कमजोर बच्चों, प्राकृतिक वातावरण, तथा संवेदी प्रोत्साहन के लिए अवसर बढ़ाने और सरकारी स्कूल मैदान में कक्षा खत्म होने के बाद उपयोग में नहीं लाए गए खुले स्थानों को अपनाना शामिल है। सरकारी कार्यालय परिसरों में छोटे बच्चों की सुविधाओं की जरूरत को पूरा करना, बस शेल्टर तथा ट्रांजिट हब बनाना, आंगनवाड़ी विकसित करना और उम्र के मुताबिक खेलने की सुविधा विकसित करना तथा छज्जा, बैठने की व्यवस्था तथा माताओं को स्तनपान कराने के लिए जगह की व्यवस्था करना है।