बटाला पंजाब एकता पार्टी (पीईपी) के अध्यक्ष एवं विधायक ने आज बटाला में पटाखा विस्फोट स्थल का दौरा किया और कहा कि अवैध बटाला पटाखा फैक्ट्री में 23 लोगों की मौत प्रशासनिक विफलता का एक स्पष्ट उदाहरण है, जिसके लिए स्थानीय पुलिस और नागरिक प्राधिकरण सीधे जिम्मेदार हैं।
खैहरा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हाल के दिनों में राज्य भर में इसी तरह की त्रासदियों से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि एक संवेदनशील सरकार को इस तरह की आपदा से सुधारात्मक उपाय करना सीखना चाहिए था, लेकिन लोगों के ज्वलंत मुद्दे राज्य पर शासन करने वाले लोगों के एजेंडे में नहीं हैं।
खैहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रशासन पर अपनी पकड़ खो दी है और इसी तरह के हादसों में लोगों की मौतें हो रही हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल अक्टूबर में अमृतसर में दशहरा उत्सव के दौरान रेलवे हादसे में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी। रेलवे ट्रैक के पास समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के लिए किसी भी जिला अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। अमृतसर रेल हादसे में न तो न्यायिक जांच का कोई आदेश है और न ही लगभग एक वर्ष बीतने के बावजूद कोई जिम्मेदारी तय की गई है।
उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस के चल रहे बटाला की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट अपनी तरह का पहला हादसा नहीं था। दो साल पहले उसी फैक्ट्री में दो लोगों की जान गई थी। तीन सितंबर, 2018 को कोट खालसा अमृतसर में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में छह लोग मारे गए थे। अवैध पटाखा फैक्ट्री में पिछले साल अनंगगढ़ में एक व्यक्ति की भी मौत हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अमृतसर में कोट खालसा और अनंगगढ़ को पटाखों के अवैध निर्माण के लिए जाना जाता है और व्यवसाय अभी भी जिला अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहा है।