नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विभिन्न अवसरों पर देश-विदेश से मिले उपहारों की प्रदर्शनी लगाई है और करीब 2700 ऐसी वस्तुओं की इंटरनेट के माध्यम से नीलामी की शुरुआत की है जो तीन अक्टूबर तक चलेगी। इससे प्राप्त धनराशि का नमामि गंगे अभियान में उपयोग किया जाएगा।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने यहां राष्ट्रीय आधुनिक कला वीथिका में इस प्रदर्शनी का शनिवार सुबह उद्घाटन किया। उपहारों की सर्वाधिक बोली लगाने वाले शीर्ष बोलीदाताओं को नमामि गंगे परियोजना में उनके योगदान के लिए सरकार की ओर से बधाई पत्र भेजे जाएंगे।
इस अवसर पर पटेल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने स्वयं को भेंट किए गए सभी उपहारों की नीलामी का उपयोग नमामि गंगे के जरिये देश की जीवन रेखा मानी जानी वाली गंगा नदी के संरक्षण जैसे अच्छे कार्य के लिए करने का निर्णय लिया है।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि इन स्मृति चिह्नों के मूल्य का आकलन मौद्रिक रूप में किया जा सकता है, लेकिन इन उपहारों से जुड़ी भावनाओं का मूल्य काफी अधिक है जिसका आकलन नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री को भेंट किए गए प्रतिष्ठित एवं यादगार उपहारों की ई-नीलामी का दूसरा चरण है। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी तीन अक्टूबर 2019 तक वेब पोर्टल पीएममोमेंटोज डॉट गॉव डॉट इन पर किया जाएगा।
प्रदर्शित किए गए उपहारों में पेंटिंग, स्मृति चिह्न, मूर्तियां, शॉल, पगड़ी, जैकेट और पारंपरिक वाद्य यंत्र आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन स्मृति चिह्नों का न्यूनतम आधार मूल्य 200 रुपए और अधिकतम आधार मूल्य ढाई लाख रुपए तक है। स्मृति चिह्नों में 576 शॉल, 964 अंग वस्त्रम, 88 पगड़ियां और विभिन्न प्रकार के जैकेट शामिल हैं जो हमारे देश की विविध एवं रंगारंग संस्कृति को दर्शाते हैं।
बाद में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस बार 2700 से अधिक स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी होगी। फिलहाल लगभग 500 स्मृति चिह्नों को राष्ट्रीय आधुनिक कला वीथिका के प्रशासनिक विंग में ‘स्मृति चिह्न’ शीर्षक के साथ सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक आम जनता के लिए के प्रदर्शित किया गया है।
प्रदर्शित किए गए स्मृति चिह्नों को हर हफ्ते बदल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीलामी से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल ‘नमामि गंगे’ परियोजना के लिए किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल भी उपस्थित थे। इसी वर्ष जनवरी में भी राष्ट्रीय आधुनिक कला वीथिका में विभिन्न अवसरों पर प्रधानमंत्री को भेंट किए गए 1800 स्मृति चिह्नों की भौतिक नीलामी का आयोजन किया गया था। शेष वस्तुओं की ब्रिकी ई-नीलामी के माध्यम की गई थी। नीलामी से जुटाई गई रकम का उपयोग ‘नमामि गंगे’ परियोजना के लिए किया गया।