कोच्चि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नये भारत में युवाओं का सरनेम मायने नहीं रखता बल्कि अपना नाम बनाने की उनकी क्षमता मायने रखती है।
मोदी ने दिल्ली से वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केरल के कोच्चि में आयोजित ‘मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव-2019’ को संबोधित करते हुए कहा, “कई वर्षों से यह संस्कृति बन गई है थी कि युवाओं को उनके सरनेम और संपर्कों के आधार पर अवसर मिलते थे। सफलता इस बात पर निर्भर करती थी कि अाप बड़े शहर, बड़े संस्थान या बड़े परिवार से संबंध रखते हैं या नहीं। यह सब मायने रखता था।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह नया भारत है जहां युवाओं का सरनेम मायने नहीं रखता बल्कि अपना नाम बनाने की उनकी क्षमता बनाने मायने रखती है। नये भारत में चीजें बेहतर के लिए बदल रही हैं और अब भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं है। यह नया भारत है जहां भ्रष्टाचार कोई विकल्प ही नहीं है।”
उन्होंने कहा, “हमें हर बात पर सहमत होने की जरूरत नहीं है, सार्वजनिक जीवन में इतनी सभ्यता होनी चाहिए कि विभिन्न विचारधाराओं के लोग एक दूसरे के विचारों को सुन सकें। विभिन्न विचारों के बावजूद समाज में निरंतर संवाद होते रहना चाहिए।”