सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के नसरुल्लागंज तहसील में बिना संसाधन के एक टेलीकॉम कंपनी द्वारा फाइबर केवल डालने के दौरान बीस फिट गहरे गड्डे की मिट्टी दरकने से तीन युवक उसमें फंस गए, जिन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गहरे गड्ढे में मजदूरों के फंसने पर मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी और बिना देर किए मजदूरो को बचाने जागरूक लोग गड्ढे में उतर गए। लगभग आधा घंटे तक मशक्कत के बाद दो मजदूरोंं को और पांच घंटे की मशक्कत के बाद तीसरे मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
रेस्क्यू आपरेशन के दौरान बुरी तरह फंसे मजदूर के ऊपरी हिस्से को प्रशासन ने दो जेसीबी की मदद से जैसे-तैसे मिट्टी से बाहर कर लिया था, लेकिन मजदूर उसमें दब रहा था। रात्रि साढ़े आठ के लगभग मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
कल दोपहर नगर की स्वप्न सिटी के नजदीक इंदौर मुख्य मार्ग पर टेलीकॉम कंपनी के द्वारा फाइबर केवल लाइन डालने का काम शुरु किया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जमीन में सीधे अडंर ग्राउंड केवल डालने के लिए ब्लोईंग ड्रील मशीन का उपयोग किया जा रहा था। इस काम में पांच मजदूर लगे हुए थे, जिनमें से एक मजदूर जेसीबी पर, एक ब्लोईंग मशीन, एक मजदूर गड्ढे के अंदर और दो मजदूर बाहर केवल अंदर करने का काम कर रहे थे।
जेसीबी की मदद से लगभग 15 से 20 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था, जिसमें मजदूर संतोष निवासी शुजालपुर गड्ढे के अंदर उतरकर केवल खींच रहा था। इसी बीच साइड की मिट्टी दरककर मजदूर के ऊपर गिरने लगी। यह देख 2 अन्य मजदूर अपने साथी को बचाने के लिए गड्ढे में उतर गए, लेकिन मिट्टी का दरकना बंद नहीं हुआ। जिससे तीनों ही मजदूर मिट्टी में दब गए।
वहां पर मौजूद 2 अन्य कर्मचारियों ने यह बात मार्ग से निकल रहे आमजन और अन्य दुकानदारों को बताई तो लोगों ने बिना देर किए प्रशासन को सूचित कर मजदूरो को निकालने का प्रयास शुरु कर दिया। जब तक प्रशासन मौके पर पहुंचता तब तक जागरूक नागरिकों द्वारा दो मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका था, लेकिन गड्ढे में काम कर रहा तीसरा मजदूर मिट्टी में पूरी तरह से दब चुका था, जिसे निकालने का प्रयास जारी था।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर प्रशासन मौके पर पहुंचा और मजदूर संतोष बलाई निवासी शुजालपुर को बचाने के लिए रेस्क्यू शुरु कर दिया। गड्डे की गहराई अधिक होने व पुरानी पेयजल लाईन का पानी सीधे गड्डे में जाने के कारण मजदूर उसमें धंसता ही चला गया। प्रशासन ने सबसे पहले मजदूर की जिदंगी बचाने के लिए उसे ऑक्सीजन की सप्लाई शुरु की। इसके बाद मजदूर को निकाला गया।