कन्नूर। कांग्रेस का कहना है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं ने बीती रात कांग्रेस के 32 वर्षीय कार्यकर्ता शोएब की हत्या कर दी। हालांकि, माकपा ने इस हत्या में अपनी भूमिका से इनकार किया है। कांग्रेस पार्टी ने कार्यकर्ता की हत्या के विरोध में जिले में एकदिनी हड़ताल का आह्वान किया है लेकिन इस दौरान वाहनों की आवाजाही जारी है।
पार्टी के मुताबिक, शोएब अपने कुछ दोस्तों के साथ सोमवार को कन्नूर के पास मत्तनूर में एक भोजनालय के पास इंतजार कर रहा था कि चार शख्स कार में आए और दहशत फैलाने के लिए बम फेंके। इसके बाद उन्होंने कांग्रेसी कार्यकर्ता पर तलवार से हमला किया। यह घटना रात लगभग 10.45 बजे हुई।
इस हमले में शोएब बुरी तरह से घायल हुआ, जबकि दो अन्य को मामूली चोटें आई हैं। शोएब को पहले पास के अस्पताल ले जाया गया और बाद में उसने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया। कांग्रेस के मुताबिक शोएब का जनवरी में छात्र राजनीति को लेकर माकपा के कार्यकर्ताओं से झगड़ा हुआ था।
कन्नूर जिले के कांग्रेस पार्टी प्रमुख सतीशन पचेनी ने कहा कि कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस पार्टी के एक क्लब पर भारी हमला हुआ था। माकपा नेतृत्व पार्टी नेताओं के बच्चों के इस बैठक में भाग लेने को लेकर खफा था। उन्होंने इस वजह से हमला किया, तब शोएब ने ही आगे आकर इस हमले को रोकने की कोशिश की थी। माकपा ने तभी उसे सार्वजनिक तौर पर धमकी दे दी थी कि उसकी जिंदगी के कुछ ही दिन रह गए हैं।
पंचेनी ने कहा कि कुछ समय से मत्तनूर के पास एदायानूर में और उसके आसपास अजीब तरह की शांति छाई थी। माकपा कन्नूर जिले के सचिव पी.जयराजन ने मीडियाकर्मियों को बताया कि माकपा और कांग्रेस पार्टी के बीच कोई मुद्दा नहीं है।
जयराजन ने कहा कि उन्हें मत्तनूर के माकपा नेताओं ने बताया कि उनका शोएब की हत्या में कोई हाथ नहीं है। जयराजन ने कहा कि हम देखेंगे क्या हुआ है और यदि हमारी पार्टी का कोई नेता इसमें शामिल पाया जाता है तो उपयुक्त कदम उठाया जाएगा लेकिन हमें यह बताया गया है कि हमारी पार्टी की इस हत्या में कोई भूमिका नहीं है।
साल 2016 में पिनारई विजयन के पद संभालने के बाद से कन्नूर में यह 21वीं राजनीतिक हत्या है। विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि माकपा ने अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के सफाए के लिए आतंक का रास्ता अख्तियार किया है।
उन्होंने कहा कि कन्नूर की पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है और माकपा का हर चीज पर नियंत्रण है। वे अमानवीय तरीके से अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को समाप्त कर रहे हैं।