श्रीगंगानगर | राजस्थान में श्रीगंगानगर में शिक्षा विभाग में करीब 35 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अधिकारी हंसराज ने कल रात पुरानी आबादी थाने में शारीरिक शिक्षक ओमप्रकाश शर्मा के खिलाफ करीब 35 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान करने का आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा धारा 420 409 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस मामले की जांच थाना प्रभारी दिगपाल सिंह खुद कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग कार्यालय से इस फर्जी भुगतान से संबंधित रिकॉर्ड जुटाना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने आज बताया कि आरोपित शारीरिक शिक्षक ओमप्रकाश शर्मा कथित रूप से फरार हो गया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उसे आज किसी भी क्षण निलंबित किया जा सकता है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार पुरानी आबादी में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (संख्या 7) में शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्त ओमप्रकाश पिछले 10 -12 वर्षों से शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। कंप्यूटर का जानकार होने के कारण इस कार्यालय में उसे पे-मैनेजर के रूप में कार्य सौंपा गया। सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित कुछ अन्य कर्मचारियों ने 30 जुलाई को विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में शिकायत की कि उनके अधीन कर्मचारियों द्वारा बड़ा घोटाला किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इस पर तुरंत जांच समिति गठित कर दी गई। इस समिति ने कल दोपहर बाद अधिकारियों को शुरुआती संक्षिप्त जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसमें खुलासा हुआ कि ओमप्रकाश शर्मा ने बीते वर्षों के दौरान सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के उपार्जित अवकाश (पीएल)) के फर्जी पर बिल बनाकर जिला कोष कार्यालय में भेजे। जिला कोष कार्यलय से पे-बिल के आधार पर जिन लोगों के खातों में उपार्जित अवकाश के बदले की राशि स्थानांतरित की गई, वे लोग ओमप्रकाश शर्मा के परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और परिचित हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार एक जनवरी 2015 से लेकर जुलाई 2019 तक ओमप्रकाश शर्मा ने करीब 35 करोड़ की राशि के बिल बनाकर जिला कोष कार्यालय में भेजें। वहां से यह राशि बैंक खातों में स्थानांतरित होती रही।
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हंसराज ने बताया कि अभी जांच जारी है। फर्जी तरीके से उठाई गई राशि का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। जनवरी 2015 से पूर्व के पे-,बिलों की जांच भी की जा रही है। ओमप्रकाश शर्मा जनवरी 2015 पहले से इस कार्य में प्रतिनियुक्ति पर लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि ओमप्रकाश शर्मा ने जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के नाम के फर्जी पर बिल बनाकर जिला कोष कार्यालय में भेजें, उन्हें उनके उपार्जित अवकाश के बदले का वेतन पहले ही विभाग द्वारा अदा किया जा चुका है। ओमप्रकाश शर्मा ने लगभग 180 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के उपार्जित अवकाश के फर्जी वेतन बिल बनाए हैं।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि ओमप्रकाश शर्मा द्वारा बनाए गए फर्जी पे-बिल की राशि कोष कार्यालय से जिन लोगों के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई, उनमें से कुछ बैंक खाते तो कुछ दिन पहले ही खोले गए थे। इन खातों में राशि आते ही उसे निकाल लिया गया या आगे किसी और खाते में स्थानांतरित कर दी गई। ऐसे बैंक खाते भी सामने आए हैं, जिनमें सिर्फ एक ट्रांजैक्शन ही हुआ है। नाम बदल बदल कर बैंक खाते खोले गए। उनमें जैसे ही राशि आई, उसे निकाल लेने के बाद दोबारा उस बैंक खाते को ऑपरेट ही नहीं किया गया। शिक्षा विभाग में इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर होने से बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय और जयपुर में वरिष्ठ अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।