सबगुरु न्यूज-सिरोही। राज्य विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के सभी जिलों में नई ईवीएम आ चुकी है। इन ईवीएम का एफएलसी यानि की प्रथम स्तरीय जांच भी हो चुकी है। सिरोही में भी ईवीएम की बेलेट और कंट्रोल यूनिट आ चुकी है। वहीं वीवीपेट लेने के लिए चंडीगढ़ गए हैं।
भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड, भेल, द्वारा तैयार इस नई ईवीएम एम-3 की खासियत यह है कि अब किसी निर्वाचन क्षेत्र में 384 प्रत्याशी भी खड़े हो जाएं तो निर्वाचन अधिकारी को चुनाव करवाने में समस्या नहीं आएगी। इससे पहले वाली ईवीएम एम-2 सिर्फ 65 प्रत्याशी खडे होने पर ही कारगर थी। इससे ज्यादा प्रत्याशी खराब होने पर इनके लिए बैलेट यूनिट बनाने में तमिलनाडू में समस्या का सामना करना पड़ा था।
-यूं जुडे़ंगे 384 प्रत्याशियों के नाम
किसी निर्वाचन क्षेत्र में यदि 384 प्रत्याशी भी चुनाव में खड़े होते हैं तो निर्वाचन अधिकारी को इनके नाम बेलेट यूनिट में जोड़ने में समस्या नहीं होगी। भेल से आए इंजीनियरों ने बताया कि अब नई ईवीएम एम-3 को इस तरह डिजायन किया गया है कि यदि 384 प्रत्याशी भी कहीं खडे़ होते हैं तो कई बैलेट यूनिटों को जोड़कर उनका नाम और चुनाव चिन्ह उसमें डालकर उस निर्वाचन क्षेत्र की बैलेट यूनिट तैयार की जा सकेगी।
-सिर्फ सात सेकेंड डिस्प्ले होगी सूचना
वीवीपेट की यह खासियत है कि इसमें मतदाता ने किस प्रत्याशी को वोट दिया उसकी जानकारी इस पर डिस्पले होगी। यह जानकारी सिर्फ 7 सेकेंड के लिए डिस्प्ले होगी। इसमें मतदाता द्वारा बेलेट यूनिट पर जिस प्रत्याशी के नाम के आगे का बटन दबाया है उसका नाम और उसका चुनाव चिन्ह प्रदर्शित होगा। सात सेकेंड बाद इसमें से इसी सूचना की एक पर्ची निकलेगी जो वीवीपेट के बैलेट बाॅक्स में गिर जाएगी। यह बैलेट बाॅक्स पहले से ही सील्ड होगा।
-पांच साल तक सुरक्षित रहेगी स्याही
आमतौर पर इलेक्ट्रोनिक मशीनों से निकलने वाले बिल और रसीदों की स्याही इस तरह की होती है कि हफ्ते पंद्रह दिन में वह कागज से गायब हो जाती है और जेब में कोरा कागज रह जाता है। जिला कलक्टर बाबूलाल मीणा की उपस्थिति में हुई पत्रकार वार्ता में सिरोही में वीवीपेट की एफएलसी के लिए आए भेल के इंजीनियरों ने बताया कि इस ईपीएम के सील्ड बैलेट बाॅक्स में छपकर जाने वाली वाली पर्ची की स्याही ऐसी है कि कम से कम पांच साल तक यह गायब नहीं होगी।
-गलत शिकायत पर दस हजार रुपये का जुर्माना
मतदाता ने जिसे वोट दिया है नई वीवीपेट के डिस्पले पर उसकी सूचना सात सैकेंड तक डिस्प्ले होगी। यह सूचना डिस्प्ले नहीं होने पर इसकी शिकायत की जा सकती है, लेकिन शिकायत के गलत निकलने पर गलत शिकायतकर्ता पर दस हजार रुपये का जुर्मान भी लगेगा।