उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान के 38वें निःशुल्क दिव्यांग एवं निर्धन युवक-युवती समारोह के दूसरे दिन आज यहां 50 जोड़े वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच पवित्र अग्नि को साक्षी बनाकर सात वचन लेकर एक-दूसरे के हो गए।
शहर के लियो का गुड़ा स्थित सेवा महातीर्थ में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य की उद्योग एवं देवस्थान मंत्री शुकन्तला रावत ने अपने वीडियो संदेश में नव दंपतियों को स्वस्थ, समृद्ध और सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया और संस्थान की सराहना करते हुए कहा अगर नारायण सेवा नहीं होती तो दिव्यांगों का इलाज कैसे हो पाता।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि विवाह में राजस्था गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों के दिव्यांग एवं निर्धन जोड़ों में से अधिकतर की संस्थान के अस्पताल में ही दिव्यांगता सुधार की निःशुल्क सर्जरी हुई और यहीं उन्हें स्वावलम्बन एवं पुनर्वास की दृष्टि से रोजगार परक प्रशिक्षण प्राप्त हुए। इन जोड़ों में कोई पांव से तो कोई हाथ से दिव्यांग है। किसी जोड़े में एक विकलांग है तो साथी सकलांग है।
उन्होंने बताया कि मेंहदी रस्म के दौरान विभिन्न राज्यों से आई महिला अतिथियों ने निदेशक वंदना अग्रवाल के साथ ढोलक की थाप पर मेहंदी के परम्परा गीत.नृत्यों की प्रस्तुति के बीच दुल्हनों के हाथों पर साजन के नाम से खिल उठे।
इसके बाद दूल्हों द्वारा तोरण की रस्म अदा की गई। मंच पर दूल्हा.दूल्हन ने एक.दूजे को वरमाला पहनाई और प्रेशर पम्प ने उन पर गुलाब की पंखुरियो की बौछार की। इस दौरान समूचा पाण्डाल तालियों और बधाई के समवेत स्वरों से गूंज उठा। इसके बाद 50 वेदी.कुण्डों पर उपस्थित आचार्याे ने मुख्य आचार्य के निर्देशन में वैदिक विधि से पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न करवाया।