नई दिल्ली। राष्ट्रीय सेवा भारती का सेवा संगम 7 अप्रैल से जयपुर में होगा जिसमें एक हजार से अधिक स्वैच्छिक सेवा संगठनों के चार हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
राष्ट्रीय सेवा भारती के अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली और महासचिव रेणु पाठक ने मंगलवार काे यहां संवाददाताओं को बताया कि इस महासंगम में सामाजिक विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहे एक हजार से अधिक स्वैच्छिक सेवा संगठनों के चार हजार से अधिक प्रतिनिधि सहभागिता करेंगे। संगम का ध्येय वाक्य ‘स्वावलंबी भारत, समृद्ध भारत’ है।
उन्होंने कहा कि सेवा भारती ने पिछले वर्ष 25 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है। साथ ही दक्षता, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में संगठन ने निरंतर योगदान दिया है। यह तीसरा महासंगम होगा, इससे पहले बेंगलूरु और दिल्ली में सेवा भारती के दो महासंगम आयोजित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि देश में 117 जिलों में 12187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं जिनमें लगभग 12 हजार सदस्य हैं। इन समूहों में 2451 समूह स्वावलंबन के कार्यों में सक्रिय हैं। देश के 55 जिलों में स्वयं सहायता समूह वैभवश्री रचना में संचालित हो रहे हैं, इनमें 27494 सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि सेवा भारती का प्राथमिक लक्ष्य सभी के लिए समान दक्षता और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना है ताकि प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में सशक्त बनाया जा सके। संगठन का मुख्य एवं निहित उद्देश्य उससे जुड़े स्वैच्छिक संगठनों के सामूहिक प्रयासों के बीच तालमेल स्थापित करके एक सांजस्यपूर्ण, सक्षम और आत्मनिर्भर समाज तथा समृद्ध भारत का निर्माण करना है।
भंसाली ने कहा कि जयपुर में होने जा रहा सेवा संगम यह भी प्रदर्शित करेगा कि कैसे सेवा भारती देश भर में महिलाओं को शिक्षित करने, प्रशिक्षण देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए समर्पित है।
रेणु पाठक ने बताया कि संगठन ने बताया कि संगठन ने स्वस्थ बाल पोषण सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किये हैं। सेवा भारती हमेशा संकट के किसी भी क्षण में समाज में सेवा करने के लिए सक्रिय रहा है। कोविड संकट के दौरान सेवा भारती के स्वयंसेवकों ने कोविड-19 महामारी के समय चिकित्सा, भोजन आदि उपलब्ध कराकर आमजन को सहायता प्रदान की है। संगठन समाज के हर वर्ग के लोगों की भलाई के लिए कार्य कर रहा है।