मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में चर्चित जवाहर बाग कांड के 40 अभियुक्तों को सजा से बरी कर दिया है जबकि चार की सजा बरकरार रहने के आदेश दिए हैं।
अपर जिला सत्र न्यायाधीश अमरपाल सिंह ने गुरूवार को यह आदेश दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 16 मार्च 2016 को रामवृक्ष यादव और चन्दन बाॅस के नेतृत्व में लगभग 150-200 अभियुक्तों ने जवाहर बाग में सरकारी कर्मचारियों से न केवल मारपीट की थी बल्कि उन पर बल्बा, सरकारी काम में बाधा, सरकारी कर्मचारियों को बंधक बनाने, उन्हें धमकी देने तथा 7 क्रिमिनल ऐक्ट के तोड़ने जैसे गंभीर आरोप लगे थे।
सभी अभियुक्ताे पर धारा 147/148/149/353/542/506 आईपीसी के अन्तर्गत सदर बाजार थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें अभियुक्त रामवृक्ष और चन्दन बाॅस नामजद थे तथा इन 44 अभियुक्तों के नाम विवेचना में उजागर हुए थे।
अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन जहेन्द्रपाल सिह ने सभी 44 अभियुक्तों को अधिकतम तीन साल का कारावास भोगने का आदेश 21 जनवरी 2019 को आदेश दिया था। अभियुक्तगण इस आदेश के खिलाफ जिला जज के न्यायालय में न्याय के लिए गए थे।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नन्द कुमार तिवारी ने बताया कि न्यायाधीश ने गवाहों द्वारा न पहचानने जैसे साक्ष्य के अभाव में जहां चालीस अभियुक्तों को बरी कर दिया वहीं अभियुक्तों प्रेमपाल, राकेश बाबू गुप्ता,वीरेश यादव और राहुल की सजा को बरकरार रखा है।
अभियुक्तों के अधिवक्ता लक्ष्मीकांत गौतम ने कहा कि जिन चार अभियुक्तों की सजा बरकरार रखी गई है उन्हें सजा मुक्त कराने के लिए उच्च अदालत में अपील की जाएगी।