वाशिंगटन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना है कि उनके देश में आतंकवादियों के 40 गुट हैं और इन गुटों के 30 से 40 हजार प्रशिक्षित आतंकवादी अफगानिस्तान अथवा कश्मीर में सक्रिय हैं। खान ने यह कबूलनामा अमरीका की अपनी यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में किया। उन्होंने कहा कि इन गुटों में जैश-ए-मोहम्मद का कैडर भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने इस सच्चाई को अमरीका के समक्ष नहीं रखा। खान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पहले की सरकार विशेषकर पिछले 15 वर्षों के दौरान ने अमरीका ने यह सच्चाई नहीं बताई। उन्होंने कहा पाकिस्तान में 40 विभिन्न आतंकवादी गुट सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अमरीका के संघर्ष में हम भी भागीदार हैं। पाकिस्तान का 9/11 से कोई लेना-देना नहीं है। अल कायदा अफगानिस्तान में है। पाकिस्तान में तालिबान का कोई आतंकवादी नहीं है लेकिन हम इसके खिलाफ लड़ाई में अमरीका के साथ हैं। दुर्भाग्यवश जब चीजें खराब होती हैं, मेरी सरकार पर आरोप लगाया जाता है। हमने अमरीका को जमीनी सच्चाई से अवगत नहीं कराया।
तीन दिन की अमरीकी यात्रा के दौरान अमरीकी शांति संस्थान में एक समारोह को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश में अभी भी 30 से 40 हजार आतंकवादी हैं। उन्होंने कहा कि इन आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया गया है जो अफगानिस्तान अथवा कश्मीर में लड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की राजनीति में नया मोड़ आया। वर्ष 2014 में पाकिस्तानी तालिबान ने सेना के एक स्कूल में 150 बच्चों की हत्या कर दी। सभी राजनीतिक दलों ने राष्ट्रीय कार्रवाई योजना पर दस्तखत किए और हम सबने इसके बाद फैसला किया कि हम पाकिस्तान से किसी आतंकवादी गुट को संचालित करने की अनुमति नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि पुलवामा में आतंकवादी हमले जिसमें एक कार बम विस्फोट से भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला किया गया था, उससे पहले ही पाकिस्तान ने सभी आतंकवादी गुटों को निहत्था कर देने का फैसला किया था और सभी राजनीतिक दलों ने इसे समर्थन दिया था।
उल्लेखनीय है कि भारत के पुलवामा में इस वर्ष 14 फरवरी को सुरक्षा बलों के एक काफिले पर आतंकवादियों ने हमला किया था जिसमें 40 सुरक्षा बल के जवान शहीद हो गए थे। इस पर भारतीय वायु सेना ने जैश के बालाकोट में स्थित एक आतंकवादी शिविर पर एयरस्ट्राइक की थी। जैश ने भारतीय सुरक्षा बल के काफिले पर हमले की जिम्मेदारी ली थी।