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5 states honored for Beti Bachao Beti Padhao - Sabguru News
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‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के लिए राजस्थान सहित 5 राज्य सम्मानित

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‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के लिए राजस्थान सहित 5 राज्य सम्मानित
Congress raises questions on working of Smriti Irani
5 states including Rajasthan honored for 'Beti Bachao Beti Padhao'
5 states including Rajasthan honored for ‘Beti Bachao Beti Padhao’

नयी दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना को सफलतापूर्वक लागू करने तथा लिंगानुपात में सुधार के लिए हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को सम्मानित किया गया है।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को यहां आयोजित ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पुरस्कार 2019’ समारोह में इन राज्यों के प्रतिनिधियों को अपने अपने क्षेत्रों में जन्म के समय के लिंगानुपात बढ़ाने के लिए पुरस्कृत किया। इस अवसर केंद्रीय महिला एव बाल विकास राज्य मंत्री देबाश्री चौधरी तथा कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

समारोह में जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार के लिए दस जिलों को भी सम्मानित किया गया। इन जिलों में अरुणाचल प्रदेश का पूर्वी केमांग, हरियाणा के महेंद्रगढ़ और भिवानी, उत्तराखंड का उधमसिंह नगर, तमिलनाडु का नामाक्कल, महाराष्ट्र का जलगांव, उत्तर प्रदेश का इटावा, छत्तीसगढ़ का रायगढ़, मध्य प्रदेश का रीवा और राजस्थान का जोधपुर शामिल है।

इनके अलावा ईरानी ने दस जिलों को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के बारे में जागरुकता फैलाने तथा इसे बेहतर तरीके से लागू करने के लिए भी पुरस्कृत किया। इनमें हिमाचल प्रदेश के मंडी, शिमला और सिरमौर, तमिलनाडु का तिरुवल्लूर, गुजरात का अहमदाबाद, जम्मू कश्मीर का किश्तवाड़, कर्नाटक का गडग, नागालैंड का वोखा, उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद और राजस्थान का नागौर शामिल है।

समारोह में केन्‍द्रीय मंत्री ने पांचों राज्‍यों के प्रधान सचिवों और आयुक्‍तों और नौ राज्‍यों के 10 जिलों के जिला मजिस्‍ट्रेटों और उपायुक्‍तों को जन्‍म के समय लिंग अनुपात में लगातार सुधार के लिए सम्‍मानित किया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 में हुई थी। अब यह 640 जिलों में लागू हैं और इन सभी जिलों को इस योजना में शामिल किया गया है। वर्ष 2014-15 और 2018-19 की अवधि के लिए जन्म के समय लिंग अनुपात से संबंधित राज्य और संघ शासित क्षेत्रवार रिपोर्टों में कहा गया है कि लिंग अनुपात बढ़कर 918 से 931 हो गया है जो राष्ट्रीय स्तर पर सुधार की प्रवृत्ति दर्शाता है।