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छतरपुर : बोरवेल में गिरे 5 वर्षीय बालक को सुरक्षित निकाला - Sabguru News
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छतरपुर : बोरवेल में गिरे 5 वर्षीय बालक को सुरक्षित निकाला

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छतरपुर : बोरवेल में गिरे 5 वर्षीय बालक को सुरक्षित निकाला

छतरपुर/भोपाल। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव में बुधवार को दिन में बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय बालक को कई घंटों चले राहत एवं बचाव कार्य के बाद देर रात सुरक्षित निकाल लिया गया। इस कार्य में सेना, एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ के जवानों की मदद भी ली गई।

नारायणपुरा गांव में एक खेत में बोरवेल खुला हुआ था। बुधवार को दिन में पांच वर्षीय बालक दीपेंद्र यादव इस बोरवेल में गिर गया। उसके लगभग 30 से 35 फीट की गहराई में फसे होने की आशंका के चलते बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा और बोरवेल में कैमरा भेजकर लाइव फुटेज के जरिए बालक की स्थिति पर नजर रखी गई। समानांतर गड्डा खोदे जाने के बाद एक सुरंग भी बनाई गई और उसके जरिए बचाव कार्य में जुटे कर्मचारी बालक तक पहुंचे।

रात्रि में उसे सुरक्षित निकालकर अस्पताल भेजा गया, जिससे उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके। हालाकि वह स्वस्थ दिखाई दिया। बोरवेल से निकालने के बाद बालक को उसकी मां और अन्य परिजनों ने गले से लगा लिया। इसके पहले दिन में बालक के गिरने की सूचना पुलिस और प्रशासन को पहुंची और फिर उसे बचाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास प्रारंभ किए गए।

देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दूरभाष पर बोरवेल में गिरे बालक की मां से बात कर उन्हें ढांढस बंधाया और कहा कि प्रशासन बालक को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने छतरपुर जिला प्रशासन को भी निर्देश दिए थे कि बालक को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा भोपाल स्थित राज्य मंत्रालय में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित स्टेट सिचुएशन रूम से राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करते रहे। चौहान को भी यहीं से राहत एवं बचाव कार्य की जानकारी दी जाती रही।

डॉ राजौरा ने बताया कि बताया कि कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एसडीईआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान मौके पर डटे रहे और आवश्यक उपकरणों के साथ बचाव कार्य युद्धस्तर पर किए गए। इस कार्य में एनडीआरएफ की टीम के दो दर्जन से अधिक जवानों और सेना की एक यूनिट की मदद भी ली गई। हालांकि बीच बीच में बारिश के कारण बचाव कार्य भी प्रभावित रहा।

अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में बोरवेल में एक बालक गिर गया था। लगभग 104 घंटों के सफल बचाव कार्य के बाद उसे सुरक्षित बचा लिया गया। हाल के वर्षों में इस तरह के अनेक मामले प्रकाश में आए हैं, इसके बावजूद बोरवेल खाेदने के बाद उन्हें ढंकने की समझदारी संबंधित नागरिक नहीं दिखा रहे हैं और इसकी कीमत बच्चों और उनके परिजनों को चुकानी पड़ती है।