SABGURU NEWS | नई दिल्ली पीनबी के 12,672 करोड़ घोटाले के बाद अब मोदी सरकार ने बैंकों के लिए नई गाइडलाइन जारी की। नए नियम के तहत 50 करोड़ से ज्यादा लोन लेने वाले शख्स को पासपोर्ट की डिटेल बैंक को देनी होगी।
जिसका मकसद है, कि बैंक से लोन के बाद आरोपी को विदेश जाने से रोका जा सके। चूंकि नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी के विदेश भागने से मोदी सरकार की काफी फजीहत हुई है। और सरकार अब इस तरह के किसी भी आरोपी को बख्शने के मूड में नहीं है। बता दें कि इससे पहले शराब कारोबारी विजय माल्या भी 9000 करोड़ का कर्ज चुकाए बगैर लंदन भाग गए हैं।
फाइनेंस सेक्रेटरी राजीव कुमार ने ट्वीट किया, कि बैंकिंग को साफ-सुथरा और जिम्मेदार बनाने के लिए अगला कदम। 50 करोड़ से ज्यादा के लोन पर अब कर्ज लेने वालों को अपने पासपोर्ट की डिटेल देना जरूरी होगा। इससे फ्रॉड केस में तत्काल कार्रवाई होगी। सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक, बैंकों के लिए यह जरूरी है कि 50 करोड़ से ज्यादा के कर्ज धारकों से अगले 45 दिन में पासपोर्ट की पूरी जानकारी जमा करा लें।
बता दें कि अभी तक देश में ऐसी कोई कानून नहीं है, कि बैंक कर्जदारों से उनके पासपोर्ट की जानकारी लें। लोन नहीं चुकाने या इसमें गड़बड़ी के खुलासे के बाद वो इसका फायदा उठाकर आसानी से देश छोड़कर भाग जाते हैं। इस वजह से ही सरकार को ये कड़ा कदम उठाना पड़ रहा है।
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चूंकि एक के बाद एक कई लोग पैसा लेकर विदेश भाग चुके हैं। नीरव मोदी के अलावा विजय माल्या, जतिन मेहता जैसे बड़े कर्जदार बैंकों को चूना लगाकर विदेश भाग चुके हैं। जिनसे रिकवरी कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है।