सिरोही। आमतौर पर अखाड़ा दंगल और व्यायाम के लिए काम आता है। लेकिन, सिरोही के एक अखाड़े से गरबा मंडल के माध्यम से आस्था का जो सफर शुरू हुआ वो इस नवरात्रि को 50 साल पूरे कर लेगा।
इन 50 सालों में कई पड़ाव आए, परिवर्तन हुए, वक्त के साथ कदमताल करते हुए रामझरोखा में होने वाला गरबा आज के रूप में पहुंचा है। इस साल जगदम्बा नवयुवक मंडल अपना 50वां गरबा 50 साल के इसी सफर के नाम करेगा।
शुरुआत में ऐसा नहीं था स्वरूप
1972 में जब आशापुरा टेकरी स्थित अखाड़े के करीब एक दर्जन युवाओं ने जगदम्बा नवयुवक मंडल का गठन कर गरबे की शुरुआत की थी तब उसका स्वरूप वैसा नहीं था जैसा आज रामझरोखा में दिखता है। आशापुरी टेकरी पर ही रहने वाले शंकरपुरी महाराज की प्रेरणा से जब शुरू में गरबे हुए तो उस गरबे का स्वरूप वैसा ही था जैसे आज सिरोही के भाटकड़ा में कालका मंदिर और जावाल, गोयली आदि में होता है।
देवी देवताओं के स्वांग में गरबे के शुरुआत हुई। वाद्य और गीत भी पारंपरिक थे। जो अब समय की मांग के अनुसार ऑर्केस्ट्रा और रंग बिरंगी रौशनी से सजा नजर आता है।
50वें साल में ये होगा
मण्डल के मुख्य संरक्षक सुरेश सगरवंशी ने यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि धर्मप्राण लोगों के सहयोग से इस बार विद्वान आचार्य व पंडितों के सान्निध्य में नवकुंडी शतचंडी महायज्ञ कराया जाएगा। इसको लेकर यज्ञशाला का निर्माण शुरू हो चुका है। इसी प्रकार आयोजन स्थल रामझरोखा पर करीब 40 फीट ऊंचा पावागढ़ पर्वत का निर्माण करके उस पर माता का दरबार सजेगा।
सगरवंशी ने बताया कि बंगाल के मूर्तिकार प्रतिमाए बना रहे हैं। मां जगदम्बा दरबार व महाकाली झांकी प्रदर्शित होगी। आयोजन के दौरान होमाष्टमी, महाआरती, कन्या पूजन, शस्त्र पूजन, विजयादशमी, गरबा रास सहित प्रतिमा विसर्जन के विविध कार्यक्रम होंगे।
गरबा को लेकर विशेष तैयारी की गई है। इस बार गुजरात के मशहूर कलाकारों के द्वारा गुजरात का संगीत गरबा पांडाल में गूंजेगा। आयोजन की तैयारी से पूर्व नगर के गणमान्य नागरिकों के हाथों से योजना पत्रक का विमोचन किया गया। उसके बाद मंडल के पदाधिकारियों ने मुंबई जाकर प्रवासी बंधुओं को भी आयोजन में आमंत्रित किया है।
वर्ष 2000 के आसपास नई टीम ने मण्डल का कार्य अपने हाथों में लिया और इसे ऊंचाइयां प्रदान की। इसमें सुधार प्रक्रिया में नीति नियम बनाए और अनुशासन को सर्वोपरि बनाया। आयोजन को भव्य बनाने में समय-समय पर मिले सहयोग के लिए सभी दानदाताओं, भामाशाह का आभार जताया। मण्डल के कई सेवा प्रकल्प भी चलते हैं जिसमें बेटी बचाओ, गोसेवा, संस्कृति संवर्धन, असहाय सेवा, आपदा सेवा, वृक्षारोपण आदि के कार्य भी किए जाते हैं।
प्रेस वार्ता के दौरान मंडल के अध्यक्ष विजय पटेल आयोजन संयोजक गिरीश सगरवंशी, सहसंयोजक लोकेश खंडेलवाल, संरक्षक गांधीभाई पटेल, रणछोड़ पुरोहित, राजेश गुलाबवानी, अतुल रावल सहित पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।