रूस और सीरिया ने इसके लिए विद्रोहियों को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि सैनिकों ने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रास्ता बनाया था। लेकिन विद्रोहियों ने हमला जारी रखा। जबकि विद्रोहियों ने किसी भी तरह की गोलाबारी से इन्कार कर दिया है।
मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने बीते शनिवार को यहां 30 दिनों तक युद्ध विराम का प्रस्ताव पारित किया था। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गोलाबारी ना रुकने से लोगों को सुरक्षित निकालना और राहत पहुंचाना नामुमकिन हो रहा है। रूसी वित्त मंत्री ने कहा, पांच घंटे के युद्ध विराम से पूर्वी घोउटा में मदद पहुंचाई जा सकती है। अमेरिका ने रूस पर आरोप लगाते हुए कहा, वह आग लगाने और बुझाने दोनों का काम कर रहा है।
सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी घोउटा इलाके में सीरियाई सरकार के हवाई हमले में बीते सात दिनों में करीब 500 नागरिकों की मौत हो गई थी। हालांकि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद ने सीरिया में 30 दिनों के युद्ध विराम के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है।
लेकिन यहां पर एक बड़ा सवाल ये है कि सीरिया में जो हालात बन चुके हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसके अलावा युद्ध विराम से कहां तक शांति स्थापित होने की उम्मीद की जा सकती है। आपको बता कि सीरिया में चल रहे संघर्ष में अब तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों बच्चे अनाथ हो चुके हैं।
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