नयी दिल्ली । देश में डायरेक्ट सेलिंग के कारोबार में महिला उद्यमियों का वर्चस्व है और इसमें 53 प्रतिशत उद्यमी महिलाएं हैं। वर्ल्ड फेडरेशन आफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (डब्ल्यूएफडीएसए) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार देश में डायरेक्ट सेलिंग कारोबार 98.5 अरब रुपए पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के अनुसार डायरेक्ट सेलिंग कारोबार में 53 प्रतिशत भागीदारी महिला उद्यमियों की है।
रिपोर्ट के अनुसार 2017 में इस उद्योग से 51 लाख लोगों को उद्यम मिला, जिसमें से 27 लाख महिलाएं थीं। रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन में डायरेक्ट सेलिंग कारोबार में 2017 में उद्यमियों की संख्या करीब बराबर रही लेकिन कारोबार के मुकाबले चीन बहुत आगे हैं। वर्ष 2017 में भारत में 51 लाख और चीन में 53 लाख उद्यमी इस कारोबार में शामिल थे। चीन ने वर्ष के दौरान जहां 34.29 अरब डालर का कारोबार किया, वहीं भारत महज डेढ़ अरब डालर का ही कारोबार कर पाया।
इस क्षेत्र के कारोबार की प्रमुख कंपनी क्यूनेट के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सलाहकार प्रमोद माडा ने कहा कि उपयुक्त कानून नहीं होने के बावजूद भारत में अरबों डालर का बाजार बन चुका है। इस कारोबार से लोगों को न केवल उद्यमिता के अवसर मिले हैं बल्कि कौशल विकास और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए महत्वपूर्ण प्रशिक्षण ग्राउंड की भूमिका भी निभाती है।
भारतीय वाणिज्य उद्योग मंडल संघ (फिक्की) और केपीएमजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले वर्षों में प्रभावी नियामक सहयोग से देश में 2025 तक डायरेक्टर सेलिंग खुदरा कारोबार 645 अरब डालर तक पहुंच सकता है। इस क्षेत्र में एक करोड 80 लाख भारतीयों को स्वरोजगार के अवसर भी मिल सकते हैं जिनमें 60 फीसदी महिलाएं हो सकती हैं।