नई दिल्ली। दलित लेखक संघ के नेतृत्व में करीब 55 संगठनों ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में बलात्कार की शिकार मनीषा की मौत के मामले में अपराधियों को सख्त से सज़ा देकर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है।
दलित लेखक संघ की अध्यक्ष अनीता भारती के नेतृत्व में सोमवार की शाम एक प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी में उत्तर प्रदेश के स्थानीय आयुक्त से यह मांग की। लेखिका संघ ने स्थानीय आयुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा जिस पर 55 दलित, गैर दलित संगठनों और साहित्यिक संगठनों तथा 350 से अधिक लेखकों के हस्ताक्षर शामिल है। इनमें हंस, स्त्री काल, दलित आवाज़, दलित वॉइस जैसी पत्रिकाएं और संगठन तथा मंगलेश डबराल, सुशीला टाकभौरे, वीरेंद्र यादव जयप्रकाश कदम, अजय नावरिया, रोहिणी अग्रवाल, गोपेश्वर सिंह, मदन कश्यप जैसे कई लेखक भी शामिल है।
अनीता भारती ने मीडिया को बताया कि हाथरस की मनीषा की जिस तरह बलात्कार के बाद मौत हुई है उसके लिए न केवल प्रशासन बल्कि उत्तर प्रदेश का नेतृत्व भी जिम्मेदार है क्योंकि मनीषा के पार्थिव शरीर का आधी रात चुपके के अंतिम संस्कार भी कर दिया गया और उसके बाद मनीषा की मौत के दोषी व्यक्तियों को बचाने के लिए राजनीति भी शुरू हो गई।
उन्होंने कहा कि देश मे बलात्कार की घटनाएं आये दिन हो रही है और उसकी रोकथाम के लिए सरकार कुछ नही कर रही बल्कि अब तो दोषियों को बचाने के लिए खाप पंचायतें सामने आने लगी है और सरकार मूक तमाशा देख रही है।
दलित लेखक संघ के इस प्रतिनिधि मंडल में दलेस की अध्यक्ष अनिता भारती के अलावा उपाध्यक्ष डॉ गीता सहारे, महासचिव डॉ अंतिमा मोहन, कोषाध्यक्ष अंजलि, सरंक्षक कर्मशील भारती और पुष्पा विवेक तथा प्रवक्ता धनजय पासवान शामिल थे।