जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आदर्श नगर व गुरू नानकदेव नगर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को राजापार्क स्थित आर्य समाज मंदिर में गुरु नानकदेवजी के 550वें प्रकाश उत्सव समारोह का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सिक्ख संगत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरुचरणसिंह गिल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। जिसने कई सदियों तक मुगलों व अंग्रेजों का अत्याचार सहन किया। उस दौरान बाबर जैसे अनेकों क्रूर आक्रांताओं ने भारत पर आक्रमण किया, उस दौरान नानकदेवजी ने न केवल आक्रांताओं को चुनौती दी बल्कि हिन्दू धर्म की रक्षा की।
मुगलों ने भारत की संस्कृति को नष्ट करने व अस्मिता को नुकसान पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया। उस समय अनेकों लोगों ने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान देकर प्राणोत्सर्ग किया।
गिल ने कहा कि नानकदेवजी ने चार उदासियों के माध्यम से अनेकों देशों का भ्रमण करके समाज को सद शिक्षाएं दीं। आज के समय में नानकदेवजी की शिक्षाओं को युवा पीढ़ी व समाज को देने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि नानकदेवजी के प्रकाश उत्सव पर आगामी दिनों जयपुर में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा।
गुरू महिमा पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक नानकदेवजी के दर्शन व चिंतन को समाज के बीच लेकर जाएंगे। नानकदेवजी ने समाज में व्याप्त रूढ़ियों को समाप्त करने के लिए विश्व का भ्रमण किया था। उनके विचारों के अनुसार सज्जन लोगों को समाज की भलाई के लिए कार्य कना चाहिए।
उनकी शिक्षाएं आज भी समाज में प्रासंगिक हैं, ऐसे में हमें युगानुकूल परिवर्तन के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि नानकदेवजी स्वयंसेवकों ने किए हमेशा प्रातः स्मरणीय हैं, सम्पूर्ण विश्व को उनकी विद्वता व संगठन कुशलता को जोड़कर चलना होगा। इसके लिए संघ के स्वयंसेवक समरसता व सदभाव को लेकर वर्षभर समाज के बीच में कार्य करेंगे।
विशिष्ट अतिथि दूरदर्शन के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक कृष्ण कुमार रत्तू ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में नानकदेवजी की शिक्षाएं सत्य व समाज के लिए जीवन बूटी साबित हो रही है। दुनिया के 190 देशों में नानकदेवजी के सद विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम में स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुरजीतसिंह पाब्ला ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए आदर्श नगर मोक्ष धाम व खिलाड़ियों समेत छह प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया।