आयकर विभाग | भारतीय सरकार ने उन कंपनियों की पहचान करने और उन्हें बंद करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है, जिन्होंने लगातार दो वित्त-वर्षों से अधिक के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं किए थे। इस कड़ी में MCA(Ministry Of Corporate Affairs) में रजिस्टर्ड करीब 36% कंपनियां बंद हुईं। जिसका मतलब है कि 18.94 लाख कंपनियों में से करीब 6.83 लाख कंपनियां बंद हुईं हैं। साल 2017-18 के मुकाबले इस बार इसमें 20% की बढ़ोतरी हुई।
आंकड़े के अनुसार, पंजीकृत 18,94,146 कंपनियों में से 6,83,317 कंपनियां बंद हो गई हैं। सरकार ने उन कंपनियों की पहचान करने और उन्हें बंद करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है, जिन्होंने लगातार दो वित्त वर्षों से अधिक के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं किए थे।
महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1,42,425 कंपनियां बंद हुईं, और उसके बाद दिल्ली में 1,25,937 कंपनियां बंद हुईं। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2018-19 में क्रमश: 2,26,166 कंपनियों और 1,12,797 कंपनियों के नाम रद्द किए। शेल कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स ने शेल कंपनियों की पहचान और उन पर रोक लगाने के लिए रेड फ्लैग इंडीकेटर्स का उपयोग चेतावनी देने के लिए करने की सिफारिश की है।