नई दिल्ली। सशस्त्र बल कोरोना महामारी के खिलाफ देश भर में चलाये जा रहे अभियान के तहत सेवा निवृत हुए चिकित्साकर्मियों को वापस बुला रहे हैं जिससे 600 अतिरिक्त डाक्टरों की व्यवस्था की जाएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नागरिक प्रशासन की मदद करने के लिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के प्रयासों की समीक्षा की।
रक्षा मंत्री को बताया गया कि पिछले कुछ वर्षों में सेवानिवृत्त हुए लोगों को ड्यूटी पर बुलाने जैसे विशेष उपायों के जरिए लगभग 600 अतिरिक्त डॉक्टरों की व्यवस्था की जा रही है। नौसेना ने विभिन्न अस्पतालों में सहायता के लिए 200 बैटल फील्ड नर्सिंग सहायकों को तैनात किया है।
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ने महाराष्ट्र, उत्तराखंड और हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर 300 कैडेटों और कर्मचारियों को तैनात किया है। घर पर रह रहे रोगियों को परामर्श देने के लिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वरिष्ठ कर्मियों द्वारा संचालित एक टेली मेडिसिन सेवा जल्द ही शुरू होगी।
सेना ने विभिन्न राज्यों में नागरिकों के लिए 720 से अधिक बिस्तर उपलब्ध कराए हैं। रक्षा मंत्री ने सेना को राज्य और जिला स्तरों पर स्थानीय प्रशासन के साथ संपूर्ण विवरण साझा करने का निर्देश दिया। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने सुझाव दिया कि स्थानीय सैन्य कमान को नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सक्रिय रूप से जुटना होगा।
रक्षा मंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि डीआरडीओ द्वारा लखनऊ में स्थापित किया जा रहा 500 बिस्तरों वाला अस्पताल अगले दो-तीन दिनों में काम करना शुरू कर देगा। एक और अस्पताल वाराणसी में भी स्थापित किया जा रहा है, जिसे 5 मई तक पूरा किया जाना है। डीआरडीओ के अध्यक्ष ने बताया कि पीएम केयर फंड के तहत निर्मित होने वाले 380 ऑक्सीजन पीएसए संयंत्रों में से पहले चार को अगले सप्ताह तक दिल्ली के अस्पतालों में लगाया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों द्वारा विदेशों से और साथ ही देश के भीतर उपभोग और उत्पादन के स्थानों के बीच ऑक्सीजन कंटेनरों के परिवहन में प्रदान की जा रही सहायता की सराहना की। भरे हुए ऑक्सीजन कंटेनरों को लाने के लिए वायु सेना के परिवहन विमानों ने सिंगापुर, बैंकाक, दुबई और देश के भीतर से कई उड़ानें भरी और नौसेना ने चार जहाजों को- दो को मध्य – पूर्व और दो को दक्षिण – पूर्व एशिया – भेजा।
वायु सेना ने आज 830 टन क्षमता वाले 47 ऑक्सीजन कंटेनरों की ढुलाई करने के लिए विदेशों से 28 उड़ानें भरी। देश में 158 उड़ानें भरकर 2,271 टन क्षमता वाले 109 कंटेनरों की ढुलाई की। नौसेना और वायु सेना ने अपने भंडारों में से विभिन्न नागरिक अस्पतालों को लगभग 500 पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति भी की है।
रक्षा से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सीएसआर के तहत अलग – अलग राज्यों के विभिन्न अस्पतालों में आपूर्ति के लिए 40 करोड़ रुपये की लागत से 28 ऑक्सीजन संयंत्र और अन्य चिकित्सा उपकरण खरीद रहे हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बेंगलुरु में 250 बिस्तरों वाला एक अस्पताल स्थापित किया है। ढाई बिस्तरों वाला एक और अस्पताल लखनऊ में स्थापित किया जा रहा है।
श्री सिंह ने दोहराया कि सशस्त्र बलों को नागरिक प्रशासन को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने रक्षा मंत्रालय एवं तीनों सेवाओं के अधिकारियों से विभिन्न पहलों की प्रगति पर बारीकी से निगरानी रखने को कहा।
बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल रजत दत्ता ने हिस्सा लिया।