जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में पात्रधारियों के नाम हटाने, कम पेंशन देने के सवालों को लेकर भाजपा सदस्यों ने अपनी ही सरकार को कटधरे में खड़ा किया।
विधानसभा में प्रश्नकाल में भाजपा के भवानी सिंह राजावत ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार द्वारा दिये जा रहे आकंडों को असत्य बताते हुए कहा कि भौतिक सत्यापन के नाम पर पात्र व्यक्तियों की पेंशन बंद कर दी गई है जिसके कारण मानवीय संवेदना की अनदेखी की जा रही है।
सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विधवा, वृद्ध, दिव्यांग आदि श्रेणी के 63 लाख 36 हजार 779 पात्र व्यक्तियों को पेंशन दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मानवीय संवेदनाओं के तहत सभी पात्र व्यक्तियों को नियमित पेंशन उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है और इसके तहत नियमों में पारदर्शिता भी लाई गई है। इसके लिए आॅन लाईन आवेदन लिए जा रहे है ताकि पेंशन में होने वाली देरी को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में तीन हजार 943 करोड़ 77 लाख तथा 2017-18 में पेंशन के लिए चार हजार 99 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में लगाए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण व शहरी जन कल्याण शिविरों के दौरान भी आवेदन भरवाकर पेंशन स्वीकृत की गई थी।
चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भौतिक सत्यापन के नाम पर किसी की भी पेंशन बंद नही की गयी है। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों को पेंशन उपलब्ध कराने के लिए भामाशाह योजना और आधार कार्ड से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली पेंशन राशि में वर्ष 2017 में केन्द्र सरकार का अंशदान 307 दशमलव 64 करोड है जबकि राज्य सरकार का अंशदान 3791 करोड 58 लाख रूपए है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश में इस योजना के तहत मात्र 710 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया था जबकि इस सरकार ने 2017 तक 2861 करोड रूपए का प्रावधान किया है।
भाजपा के राजावत ने सरकार द्वारा 60 साल तक और 75 साल के वृद्ध लोगों को क्रमश 17 एवं 25 रूपए दैनिक के हिसाब से दी जा रही पेंशन को कम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में तीन माह से लोगों की पेंशन रूकी पड़ी है। भाजपा की ही चन्द्रकांता मेघवाल ने पात्र लोगों के पेंशन का भौतिक सतयापन पंचायतों के माध्यम से कराने का सुझाव दिया।
भाजपा के ही देवेन्द्र कटारा ने कहा कि उनके क्षेत्र में सरकार द्वारा स्वीकृत पेंशन से कम राशि का आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी केन्द्र सरकार द्वारा अंशदान नहीं दिए जाने के नाम पर पांच सौ रूपए के एवज में तीन सौ रूपए का भुगतान कर रहे है। जमींदारा पार्टी की सोना देवी ने भी कहा कि पात्र लोगों द्वारा पेंशन आवेदन करने के लम्बे समय बाद भी उनकी पेंशन स्वीकृत नही हुई है।