भीलवाड़ा। राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के आसीन्द थाना क्षेत्र में बुधवार को अवैध खदान ढहने से तीन मजदूरों की मौत हो गई जबकि चार अन्य के मरने की आशंका है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाछूड़ा गांव में नूर मोहम्मद के खेत में अवैध खनन हो रहा था। दोपहर में गहरी खान में खुदाई के दौरान अचानक मिट्टी ढह गई। इससे कन्हैया भील, प्रहलाद भाट, गणेश भील, धर्मा भाट, महिला मजदूर हिंगला भाट, मीना भील और एक अन्य महिला मलबे में दब गए।
पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और तेजी से बचाव अभियान शुरु किया। अब तक तीन शव निकाल लिए गए हैं जबकि अन्य चार मजदूरों को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि सभी मजदूर 50 से 80 फीट की गहराई में दबे हैं। जेसीबी मशीन से मलबा बाहर निकालने में दिक्कत आ रही है।
हादसे के बाद क्षेत्र में लोगों ने रोष जताया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन को इस अवैध खनन के बारे में कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आज यह खान ढहने की घटना हो गई। पुलिस ने बताया कि चार मजदूर काफी गहराई में दबे हैं जिनके बचने की संभावना कम ही है।
मृतकों के परिजनों को मिले मुआवजा- पूनियां
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने भीलवाड़ा जिले में अवैध खान हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को शीघ्र मुआवजा जारी करने की राज्य सरकार से मांग की है। डा पूनियां ने मृतक मजदूरों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और परिजनों को संबल देने की ईश्वर से प्रार्थना की।
उन्होंने बयान जारी कर कहा कि भीलवाड़ा जिले के आसीन्द थाना क्षेत्र के लाछूड़ा गांव में अवैध खान में खनन के दौरान हुई कई मजदूरों की मौत अशोक गहलोत सरकार और उनके खान मंत्री के कारनामों की पोल खोल रही है। ऐसे मामलों की राज्य सरकार निष्पक्षता से जांच करवाये तो भ्रष्टाचार के बड़े काले कारनामे सामने आएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को मृतकों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिये और न्याय करना चाहिए। साथ ही राज्य सरकार को गंभीरता से कदम उठाकर अवैध खनन पर रोक लगानी चाहिए।