इंफाल। उग्रवादी एवं छात्र संगठनों के बहिष्कार के आह्वान तथा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मणिपुर में शनिवार को 70वां गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया। राज्यपाल डा. नजमा हेपतुल्ला ने कांगला में आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और परेड को सलामी ली।
प्रथम मणिपुर रायफल्स के परेड मैदान से मणिपुर पुलिस, एनसीसी, आईआरबी, होम गार्ड, फायर सर्विस, तथा राज्य के विभिन्न हिस्सों से आई सांस्कृतिक मंडलियों ने परेड में हिस्सा लिया। परेड कंगला से होते हुए परेड ग्राउंड में समाप्त हुई। राज्य सरकार के विभागों ने भी अपनी गतिविधियों को झांकियों का परेड में प्रदर्शन किया। सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी एजेंसियों ने परेड मार्ग में विशेष द्वार बनाए गए थे।
हर वर्ष की तरह इस बार भी उग्रवादी संगनठनों ने विरोध स्वरूप गणतंत्र दिवस का बहिष्कार किया। छात्र संगठनों ने भी गणतंत्र दिवस का बहिष्कार की घोषणा और आतंकवादी हमले की चेतावनी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।
सामाजिक संगठनों ने नागरिकता विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस विधेयक के पारित होने से क्षेत्र के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने को खतरा है। इसलिए हम गणतंत्र दिवस समारोह का बहिष्कार करते है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एन बीरेन ने परेड मैदान में सभी प्रतिभागियों काे संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पहले ही केंद्र से इस विधेयक के संदर्भ में अनुरोध करने का निर्णय ले चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से मणिपुर पीपुल्स बिल को स्वीकृत करने की मांग की गई है।
ऑल मणिपुर यूनाइटेड कलब आर्गोनाइजेशन (एएमयूसीओ) सिविल सोसायटी और राज्य के अन्य संगठनों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर संयुक्त रूप से गणतंत्र दिवस का बहिष्कार करने की घोषणा की है।